जापान के संकटग्रस्त परमाणु संयंत्र से रिस रही रेडियोधर्मिता की तीव्रता इतनी नहीं है कि इसके कारण आम जीवन के स्वास्थ्य को कोई नुकसान पहुंचे।
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जिनेवा:
जापान के संकटग्रस्त परमाणु संयंत्र से रिस रही रेडियोधर्मिता की तीव्रता इतनी नहीं है कि इसके कारण आम जीवन के स्वास्थ्य को कोई नुकसान पहुंचे, क्योंकि सरकार ने पहले ही लोगों को प्रभावित स्थान से हटाकर उन्हें अन्यत्र भेज दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अधिकारी ने कहा कि जापान ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के सुरक्षा जोखिम स्तर को अधिकतम सात कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अनुसार यह जोखिम का सर्वाधिक उच्चतम स्तर है। 1986 में चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना में जोखिम का अधिकतम स्तर सात घोषित किया गया था। इस दुर्घटना के कारण बड़ी संख्या में लोग रेडियोधर्मिता से प्रभावित हुए थे।
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जापान, रेडियोधर्मिता, फुकुशिमा संयंत्र