आतंकी संगठन आईएसआईएस ने मारे गए अमेरिकी पत्रकार जेम्स फोले के परिवार को ई-मेल भेजकर उसके बदले एक पाकिस्तानी महिला वैज्ञानिक सहित कई बंदियों की रिहाई की मांग की थी।
पाकिस्तान की महिला वैज्ञानिक को अमेरिका में आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
फोले के परिवार को गत 12 अगस्त को भेजे गए ई-मेल में आईएसआईएस ने दावा किया कि अमेरिका अपने पत्रकार की रिहाई के बदले की गई कई पेशकश खारिज कर चुका है। इन पेशकशों में धन की मांग के साथ ही बंदियों की अदला-बदली की मांग भी थी।
ग्लोबल पोस्ट द्वारा जारी ई-मेल में कहा गया, आपको आपके लोगों की रिहाई के लिए नकद लेन-देन के जरिये समझौता करने के कई अवसर दिए गए जैसा कि दूसरी सरकारें स्वीकार कर चुकी हैं। हमने आपकी जेलों में बंद अपनी बहन समान डॉ. आफिया सिद्दीकी सहित मुस्लिमों को रिहा कराने के लिए बंदियों की अदला-बदली की भी पेशकश की है, हालांकि बहुत जल्द आपने यह साबित कर दिया कि आप उन्हें छुड़ाना ही नहीं चाहते हो। ई-मेल में कहा गया, आप बल प्रयोग के अलावा मुसलमानों से समझौता करने का कोई इरादा नहीं रखते। बल प्रयोग की यह वही भाषा है, जिसका इस्तेमाल आपने इराक की धरती पर कब्जा करने के लिए किया।
इस्लामिक स्टेट ने हाल में एक वीडियो जारी किया जिसमें इसका एक सदस्य फोले का सिर कलम करते दिखाई दे रहा है। फोले का 2012 में सीरिया में अपहरण कर लिया गया था।
एमआईटी के प्रशिक्षित न्यूरो वैज्ञानिक डॉ. सिद्दीकी को 2008 में अफगानिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि उनके पास से रासायनिक हथियारों, डर्टी बमों और विषाणुओं से संबंधित दस्तावेज मिले ,जिनसे संकेत मिलता है कि वह अमेरिकियों के खिलाफ हमलों की योजना बना रही थीं। बाद में उसे अमेरिका की एक अदालत ने 86 साल कैद की सजा सुनाई थी।
ई-मेल में कहा गया, अब आप इराक के मुसलमानों पर बमबारी करने के लिए फिर से लौट आए हैं, इस बार आप हवाई हमले और ‘अप्रत्यक्ष सैन्य युद्ध’ कर रहे हैं तथा कायराना तरीके से आप आमने सामने की लड़ाई से झिझक रहे हैं। आज हमारी तलवारें आपके, सरकार और ऐसे ही लोगों के खिलाफ मयान से निकल आई हैं तथा हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक कि आपके खून से प्यास नहीं बुझा लेते। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने फोले के हत्यारों को न्याय के कठघरे में लाने का संकल्प लिया है।
ग्लोबल पोस्ट के अनुसार, फोले के परिवार के सहमत होने के बाद ही ई-मेल प्रकाशित किया गया। इसने कहा कि ई-मेल में कई तथ्यात्मक त्रुटियां हैं। उदाहरण के लिए फोले की रिहाई के लिए उसके परिवार को ‘समझौता करने के कई अवसर नहीं दिए गए।’
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