इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घड़ी ढूंढने के लिए मोसाद की तारीफ की है.
यरुशलम:
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने अपने जासूस एली कोहेन के सीरिया में पकड़े जाने और सरेआम फांसी पर लटकाए जाने के करीब 50 साल बाद उनकी घड़ी को ढूंढ निकालने का दावा किया है. घड़ी तलाशने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया था. इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा , ‘मैं मोसाद के लड़ाकों के दृढ़ एवं साहसिक अभियान की प्रशंसा करता हूं जिसका एकमात्र मकसद अपने महान जासूस की निशानी को इस्राइल को वापस सौंपना था जिसने देश को सुरक्षित बनाए रखने में अहम योगदान दिया था’. जासूसी एजेंसी ने दावा किया कि यह घड़ी मोसाद ने सीरिया में हाल ही में एक विशेष अभियान में खोजी है. हालांकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि कोहेन की घड़ी उन्हें कहां और किस हाल में मिली है.
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कोहेन की याद में कई सप्ताह पहले वार्षिक समारोह आयोजित किया गया था. माना जाता है कि मोसाद के निदेशक योस्सी कोहेन ने जासूस की यह घड़ी कोहेन के परिवार को सौंप दी है. कोहेन सीरिया में पकड़े जाने से पहले तक यही घड़ी पहनते थे.
मोसाद ने कहा कि इस घड़ी को फिलहाल मोसाद मुख्यालय में डिस्प्ले में रखा गया है. मिस्र में जन्मे कोहेन 1960 के दशक में मोसाद में भर्ती हुए थे. अरब जगत की खुफिया जानकारियां जुटाने के लिए वह सीरिया चले गए. कहा जाता है कि उनकी खुफिया जानकारियां ही 1967 अरब - इस्राइल युद्ध में इस्राइल की जीत का कारण बनी थी. हालांकि सीरियाई सुरक्षा अधिकारियों ने 1964 में उनकी सच्चाई जान ली थी, इसके बाद 18 मई 1965 को कोहेन को फांसी पर लटका दिया गया था.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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मोसाद ने कहा कि इस घड़ी को फिलहाल मोसाद मुख्यालय में डिस्प्ले में रखा गया है. मिस्र में जन्मे कोहेन 1960 के दशक में मोसाद में भर्ती हुए थे. अरब जगत की खुफिया जानकारियां जुटाने के लिए वह सीरिया चले गए. कहा जाता है कि उनकी खुफिया जानकारियां ही 1967 अरब - इस्राइल युद्ध में इस्राइल की जीत का कारण बनी थी. हालांकि सीरियाई सुरक्षा अधिकारियों ने 1964 में उनकी सच्चाई जान ली थी, इसके बाद 18 मई 1965 को कोहेन को फांसी पर लटका दिया गया था.
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