
- इजरायली सेना ने 7 अक्टूबर 2023 के हमले का बदला लेते हुए हमास के पांच कमांडरों को मार गिराया है.
- गाजा पर इजरायल का ऑपरेशन जारी है और इसका उद्देश्य अपने नागरिकों की सुरक्षा को मजबूत करना है.
- इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा सिटी पर कब्जा करने की योजना को मंजूरी दे दी है.
इजरायली सेना ने 7 अक्टूबर 2023 को किए गए हमले का बदला लेते हुए हमास के पांच कमांडरों को ढेर कर दिया है. इजरायली डिफेंस फोर्स ने इसकी घोषणा एक सोशल मीडिया पोस्ट कर जरिए से की है. इस पोस्ट में आईडीएफ ने बताया है कि उनके एक्शन में हमास के कई आंतकी मारे गए हैं. इस लिस्ट में मुराद नसीर मुसा अबु जराद जो डिप्टी कमांडर था, माहमुद शुकरी दर्दसावी जो एंटी टैंक ग्रुप का डिप्टी हेड था, भी मारा गया है.
🔴Eliminated: Several terrorists involved in October 7th attacks were eliminated, in a joint IDF & ISA operation.
— Israel Defense Forces (@IDF) August 8, 2025
Among them:
🔺Muraad Nasser Moussa Abu Jarrad, deputy commander of the Beit Hanoun Battalion of the Islamic Jihad terror organization.
🔺Mahmoud Shukri Tiym… pic.twitter.com/TLAh7K4dhX
IDF ने आगे कहा कि गाजा पर उनका ये ऑपरेशन आगे भी जारी रहेगा. उनका ये ऑपरेशन अपने नागरिकों की सुरक्षा को और पुख्ता करने को लेकर है.
आपको बता दें कि बीते कुछ समय इजरायल गाजा पर लगातार अपने ऑपरेशन में और तेजी ला रहा है. शुक्रवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने कहा था कि उनकी सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा सिटी पर कब्जा करने की योजना को मंजूरी दे दी है. युद्ध ने पहले ही लगभग 60 हजार फिलिस्तीनियों को मार डाला है, गाजा के अधिकांश हिस्से को नष्ट कर दिया है और लगभग 20 लाख फिलिस्तीनियों के इस क्षेत्र को अकाल की ओर धकेल दिया है.
सुरक्षा कैबिनेट की बैठक गुरुवार से शुरू हुई और पूरी रात चली. इस बैठक से पहले नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ने पूरे गाजा क्षेत्र पर कब्जा करने और आखिरकार इसे हमास को हटाकर एक नागरिक सरकार को सौंपने की योजना बनाई है.
नेतन्याहू को गाजा को नागरिक सरकार को सौंपने की प्लान दबाव में बनाना पड़ा है. AP की रिपोर्ट के अनुसार शायद यह इजरायली सेना के शीर्ष जनरल की आपत्तियों को दिखाता है, जिन्होंने कथित तौर पर चेतावनी दी थी कि गाजा में जंग को और बढ़ाना हमास द्वारा बंधक बनाए गए बाकि के 20 या उससे अधिक जीवित इजरायलियों को खतरे में डाल देगा. साथ ही सेना के इन जनरलों को लगता है कि जंग को और तेज करना लगभग दो सालों से क्षेत्रीय युद्धों में उलझी इजरायली सेना पर और दबाव डालेगा. हमास के बाद बंधक बने इजराली लोगों के कई परिवार भी विरोध कर रहे हैं, उन्हें डर है कि आगे बढ़ने से उनके प्रियजनों को नुकसान होगा.
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