विज्ञापन
This Article is From Nov 23, 2023

हमास के हमले में मारे गए सैकड़ों इजरायलियों की कारों का क्यों किया जा रहा अंतिम संस्कार?

7 अक्टूबर को हमास के हमलों में इजरायल में 1200 लोगों की मौत हुई थी. हमास नरसंहार में मारे गए कई लोगों की लाश या उनके अवशेष नहीं मिल पाए हैं. यही कारण है कि इजरायल ने राख और खून के धब्बों वाली सैकड़ों कारों को दफनाने का फैसला किया है.

हमास के हमले में मारे गए सैकड़ों इजरायलियों की कारों का क्यों किया जा रहा अंतिम संस्कार?
इजरायल ने संघर्ष के दौरान हमास से गाजा बॉर्डर के क्षेत्रों का कंट्रोल वापस ले लिया है.
तेल अवीव/गाजा:

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच 46 दिन से जंग (Israel Palestine Conflict)चल रही है. शुक्रवार (24 नवंबर) से 4 दिनों का सीजफायर (Israel-Hamas Ceasefire) है. 7 अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी (Gaza Strip) से इजरायल की तरफ कुछ मिनटों में 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे. इसमें 1200 लोगों की मौत हो गई थी. हमास के हमले में जिन लोगों की मौत हुई थी, उनमें से कई लोगों के शव नहीं मिले थे. ऐसे में सांकेतिक रूप से इन लोगों की कारों का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

'यरुशलम पोस्ट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर को हमास के हमलों में इजरायल में 1200 लोगों की मौत हुई थी. हमास नरसंहार में मारे गए कई लोगों की लाश या उनके अवशेष नहीं मिल पाए हैं. यही कारण है कि इजरायल ने राख और खून के धब्बों वाली सैकड़ों कारों को दफनाने का फैसला किया है. 14 मई 1948 को इजरायल की स्थापना के बाद ऐसा पहली बार है, जब ZAKA ने हमास के हमलों में मारे गए लोगों की गाड़ियों को दफनाने की सिफारिश की है.

इजरायल-हमास के बीच कल से सीजफायर, गाजा से पहले छोड़े जाएंगे 13 बंधक; जानें- युद्ध विराम की शर्तें

ZAKA-तेल अवीव ने की सिफारिश
ZAKA-तेल अवीव सेंट्रल इजरायल की इमरजेंसी रिस्पॉन्स यूनिट है. ये हजारों वॉलन्टियर्स के साथ देशभर के 21 से ज्यादा शहरों में अपनी सर्विस देती है. ZAKA को इजरायल की इमरजेंसी सर्विस के सिविल एक्सटेंशन और सेंट्रल इजरायल में अधिकृत एकमात्र इमरजेंसी रिस्पॉन्स यूनिट के तौर पर मान्यता मिली है. इसकी एक यूनिट अचानक या अप्रत्याशित नुकसान की स्थिति में Dignity in Death यानी मौत में गरिमा सुनिश्चित करने के लिए डेडिकेटेड है.

इजरायली न्यूज चैनल N12 ने मंगलवार को रिपोर्ट दी है कि ZAKA ने गहन और संकटपूर्ण कोशिशों के बाद ये निष्कर्ष निकाला कि वे उन गाड़ियों के अंदर पीड़ितों के अवशेषों का पता नहीं लगा सके या उन्हें साफ नहीं कर सके, जिनमें उनकी मौत हो गई थी. कुछ कारों में खून के धब्बे या राख अभी भी मौजूद हैं, इन्हें टेक्निकल वजहों से इकट्ठा करना मुश्किल है. 

चीफ रैब्बीनेट और धार्मिक सेवा मंत्रालय लेंगे अंतिम फैसला
रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के हमलों में मृतकों की गरिमा को बनाए रखने के लिए उनकी गाड़ियों को दफनाने का फैसला किया गया है रिपोर्ट में कहा गया, "मिलिट्री रैब्बीनेट और चीफ रैब्बीनेट के साथ सलाह-मशवरे के बाद आने वाले कुछ दिनों में पूरे इजरायल में यहूदी कब्रिस्तानों में सैकड़ों गाड़ियों को दफनाया जाएगा." चीफ रैब्बीनेट के साथ-साथ धार्मिक सेवा मंत्रालय ने अभी तक इस रिपोर्ट पर आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

ZAKA-तेल अवीव के प्रवक्ता इजरायल हसीद ने मंगलवार को 'यरुशलम पोस्ट' के साथ इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने बताया, " ZAKA के रेबैनिक इंचार्ज रब्बी याकोव रोज़ा और उचित दफनाने के संबंध में इजरायल में सबसे अधिक सम्मानित शख्स ने इस बार लंबी चर्चा की. दोनों ने ही हमास के नरसंहार के बाद गाड़ियों ने खून के धब्बे मिटाने और राख की सफाई को लेकर सवाल उठाए. हमास के लड़ाकों ने सैकड़ों लोगों की गाड़ियों में ही हत्या कर दी थी या उन्हें उनके गाड़ियों में ही जिंदा जला दिया था."

यहूदी कब्रिस्तानों में दफनाने की सिफारिश
इजरायल हसीद कहते हैं, "ये गाड़ियां राख और खून के धब्बों से दूषित हो गए हैं, जिससे उन्हें पूरी तरह से साफ करना असंभव हो गया है. ऐसे में रब्बी रोज़ा ने ऐसे सैकड़ों गाड़ियों को यहूदी कब्रिस्तानों में दफनाने की सिफारिश की है."

कतर का आइडिया, बाइडेन की आखिरी वॉर्निंग... जानें- इजरायल और हमास में कैसे हुआ समझौता

दफनाने की पूरी प्रक्रिया का होगा पालन 
हसीद ने बताया कि इसमें दफनाने की पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा. ठीक वैसे ही जैसे किसी की मौत के बाद उसे पूरी प्रक्रिया के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया जाता है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस मामले पर आखिरी फैसला चीफ रैब्बीनेट या धार्मिक सेवा मंत्रालय की ओर से लिया जाएगा. आने वाले कुछ दिनों में इसपर कोई सार्वजनिक ऐलान किए जाने की उम्मीद है.

यहूदी कानून हलाचा के मुताबिक, राख या खून के धब्बे पवित्र हैं और उन्हें दफनाया जाना चाहिए. हालांकि, इन्हें मृतक के साथ कब्रिस्तान में नहीं, बल्कि एक निर्दिष्ट दफन गड्ढे में दफनाया जाता है. हसीद ने बताया, "अहम बात यह है कि ऐसी जमीन के ऊपर कोई कब्रगाह नहीं होगी और उन्हें कब्रिस्तान में दफनाया नहीं जाएगा." 

गाड़ियों के पार्ट्स को अलग किया जाएगा
हसीद ने बताया कि जगह बचाने के लिए गाड़ियों के पार्ट्स को अलग-अलग किया जाएगा. हसीद ने कहा, “ऐसा माना जाता है कि इस तरह से एक अनोखा स्मारक बनाने से कुछ दुखी परिवारों को सांत्वना मिलेगी, जिन्हें अपनी प्रियजनों की लाश तक नहीं मिली." हमास के हमलों में अपनों को खोने वाले परिवार भी इस पहल का समर्थन कर रहे हैं.

हमास के खिलाफ जंग रोकने पर क्या जाएगी नेतन्याहू की कुर्सी? गाजा पट्टी में क्या हो सकते हैं बदलाव


 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com