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This Article is From Dec 12, 2023

हमास एक के बाद एक मारता रहा 12 गोलियां, इजरायली महिला सैनिक 4 घंटे बनी रही 'मुर्दा', ऐसे बची जान

फर्स्ट लेफ्टिनेंट ईडन राम ने वेबसाइट Oct7.org पर एक इमोशनल पोस्ट लिखा है. यह वेबसाइट जंग में जिंदा बचे लोगों की कहानियों का कलेक्शन रखती है.

हमास एक के बाद एक मारता रहा 12 गोलियां, इजरायली महिला सैनिक 4 घंटे बनी रही 'मुर्दा', ऐसे बची जान
तेल अवीव/गाजा:

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर से जंग (Israel-Hamas War) चल रही है. बीच में 24 से 29 नवंबर तक दोनों के बीच 6 दिन सीजफायर समझौता हुआ था. जिसके तहत हमास ने 100 से ज्यादा बंधकों को रिहा किया. इसके बदले में इजरायल ने भी 300 से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदियों को आजाद किया था. इस जंग में इजरायल के कई सैनिकों की मौत हो हुई है, जबकि कई सैनिक जख्मी भी हुए हैं. 7 अक्टूबर से चल रही जंग के बीच एक इजरायली महिला सैनिक ने बताया कि कैसे हमास के लड़ाकों ने उसे 12 गोलियां मारी थी. इसके बाद भी वह जिंदा कैसे बच गईं?

फर्स्ट लेफ्टिनेंट ईडन राम ने वेबसाइट Oct7.org पर एक इमोशनल पोस्ट लिखा है. यह वेबसाइट जंग में जिंदा बचे लोगों की कहानियों का कलेक्शन रखती है. अपने पोस्ट में ईडन राम ने कहा कि वह अपनी जान बचाने के लिए मरे दोस्तों के बीच आखिरी गोली के इंतजार में मुर्दों की तरह पड़ी थीं.

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इजरायली महिला सैनिक ने अपने पोस्ट की शुरुआत में लिखा, "ये मेरी कहानी है. एक ऐसी डरावनी फिल्म जो मैंने 7 अक्टूबर 2023 को देखी थी. पैर में गोली लगने के बाद मैं अपने 6 सहयोगियों के साथ एक रूम में फंस गई थी. हम कुछ नहीं कर सकते थे. हमास के लड़ाकों ने फायरिंग करते हुए सिक्योरिटी डोर तोड़ दिया और हम तक पहुंच गए. वो हमपर फायरिंग कर रहे थे."

फर्स्ट लेफ्टिनेंट ईडन राम आगे लिखती हैं, "पूरे समय तक मैं निश्चित नहीं थी कि जिंदा हूं या मर चुकी हूं. मुझे लग रहा था कि जैसे मेरी मौत हो चुकी है. लेकिन मैं तब भी देख सकती थी. सुन सकती थी और महसूस कर पा रही थी. मैं आखिरी गोली का इंतजार कर रही थी. शायद ये गोली मुझे लगेगी और मैं मर जाऊंगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ."

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ईडन राम लिखती हैं, "चार घंटे तक मैं अपने सहयोगियों की लाशों के बीच मुर्दों की तरह पड़ी रही. मेरे पूरा शरीर खून से लथपथ था. हमास के लड़ाके लाशों को चेक कर रहे थे."

इस दौरान ईडन राम को अपनी सहेली और सहयोगी सहर की सांसें महसूस हुई. वो भी इस हमले में बच गई थीं. उन्होंने ईडन को शुरुआती मेडिकल हेल्प देने के लिए अपना यूनिफॉर्म उतार कर दे दिया."

ईडन राम बताती हैं, "मैंने अपना पूरा शरीर छूना शुरू कर दिया था. ये देखने के लिए कि मुझे कहां-कहां गोली मारी गई है. मेरा कहां से और कितना खून बह रहा है. मेरे पास और कितना वक्त बचा हुआ है. मुझे लग रहा था कि शायद मैं मर रही हूं."

इजरायली सैनिक बताती हैं, "पूरे चार घंटे तक खून से लथपथ होकर और बेहिसाब दर्द में मुर्दे की तरह पड़े रहने के बाद मैं एक शब्द भी नहीं बोल पा रही थी. आखिरकार मुझे बचाने के लिए लोग आए. रेस्क्यू टीम मुझे सोरोका अस्पताल लेकर गई. टीम के एक सदस्य ने तुरंत मेरे परिवार को भी सूचना दे दी."

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फर्स्ट लेफ्टिनेंट ईडन राम लिखती हैं, "अस्पताल में मेरे लिए पहले 48 घंटे क्रिटिकल थे. मेरी दो सर्जरी हुई. अगले तीन दिनों के लिए मुझे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया." ईडन राम फिलहाल खतरे से बाहर हैं और तेजी से रिकवर कर रही हैं. 7 अक्टूबर को उनकी वीरता के लिए उन्हें इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग (Isaac Herzog) ने सम्मानित भी किया है.

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