हजारों रॉकेट, सैकड़ों मौतें... आखिर क्यों लड़ रहे हैं इजराइल और फिलिस्तीन? दशकों पुरानी है दुश्मनी

Israel Gaza Attack: अब तक 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे जा चुके हैं और 500 लोगों की मौत हो चुकी है. इस लड़ाई के पीछे कोई तात्कालिक वजह हो सकती है लेकिन यह दुश्मनी दशकों पुरानी है.

नई दिल्ली:

Israel Gaza Attack: त्योहार, छुट्टी का दिन, फेस्टिवल हॉलीडे, शनिवार की सुबह इजराइल के लोग गहरी नींद में थे कि अचानक एक धमाका होता है. यह हमला किसी सैन्य कैंप पर नहीं बल्कि रिहायशी इमारत पर हुआ. आसपास के लोग कंपन से जागे और बाहर की तरफ भागे. इससे पहले वे कुछ समझ पाते देश के दक्षिणी और मध्य भाग के शहरों में साइरन गूंजने लगे. साइरन की आवाज सुन लोग दहशत में आ गए. इसके बाद आसमान से मानों रॉकेट की बारिश शुरू हो गई. तकरीबन दो हजार रॉकेटों ने आवासीय इमारतों को धुआं-धुआं कर दिया. ये रॉकेट आ रहे थे पड़ोसी मुल्क फिलिस्तीन से और इन्हें दाग रहा था इजराइल का सबसे बड़ा दुश्मन हमास. इजराइल में त्योहार का दिन प्रधानमंत्री की 'युद्ध की घोषणा' के साथ शुरू हुआ. अब तक 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे जा चुके हैं और 500 लोगों की मौत हो चुकी है. इस लड़ाई के पीछे कोई तात्कालिक वजह हो सकती है लेकिन यह दुश्मनी दशकों पुरानी है. आइए जानते हैं कि इजराइल और फिलिस्तीन आखिर क्यों लड़ रहे हैं और इस दुश्मनी का इतिहास क्या है?

इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष की शुरुआत

दक्षिणी इजराइल में हमास के भीषण हमले के बाद इजराइल और गाजा के बीच भयानक युद्ध शुरू हो चुका है. 'हम एक युद्ध में हैं और हम इसमें जीतेंगे', इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को जब ये शब्द कहे तो दुनिया डर गई क्योंकि पहले ही विश्व रूस-यूक्रेन, आर्मेनिया-अजरबैजान, चीन-ताइवान जैसे तनावों का सामना कर रहा है. 2021 के बाद यह इजराइल और हमास के बीच सबसे भयानक लड़ाई है लेकिन इस संघर्ष की शुरुआत प्रथम विश्व युद्ध के समय में हुई थी.

फिलिस्तीन की सीमाएं समय के साथ बदलती रहीं लेकिन एक वक्त पर इजराइल, गाजा और वेस्ट बैंक फिलिस्तीन का ही हिस्सा थे. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, इजराइली यहूदियों और फिलिस्तीनी अरबों दोनों का इतिहास, संस्कृति और पहचान फिलिस्तीनी क्षेत्रों और प्राचीन शहर यरूशलम से जुड़ी हुई है. पहले विश्व युद्ध में हार से पहले ओटोमन साम्राज्य ने लगभग 400 वर्षों तक इस क्षेत्र पर राज किया.

1920 में लीग ऑफ नेशन्स ने ब्रिटेन को फिलिस्तीन का नियंत्रण दे दिया. इस आदेश को 'ब्रिटिश मैंडेट' कहा गया. साल 1917 में ब्रिटिश सरकार ने बाल्फोर घोषणा की जिसमें फिलिस्तीन में 'यहूदियों के लिए एक अलग राज्य' बनाने के लिए अपना समर्थन देने का संकेत दिया.

घोषणा में समर्थन के साथ-साथ यह भी कहा गया कि 'ऐसा कुछ भी नहीं किया जाएगा जो फिलिस्तीनी क्षेत्रों में मौजूद गैर-यहूदी समुदायों के नागरिक और धार्मिक अधिकारों के खिलाफ हो'. 1922 से 1947 तक पूर्वी और मध्य यूरोप से यहूदियों का पलायन बढ़ गया क्योंकि युद्ध और फिर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों को उत्पीड़न और अत्याचारों का सामना करना पड़ा. होलोकॉस्ट खत्म होते-होते 60 लाख से अधिक यूरोपीय यहूदियों की हत्या कर दी गई और कई बचे हुए लोगों को देश से बाहर निकाल दिया गया.

फिलिस्तीन में जैसे-जैसे यहूदी बढ़ते गए कई फिलिस्तीनी विस्थापित हो गए और यहीं से दोनों के बीच हिंसा और संघर्ष की शुरुआत हुई. 1929 में, हेब्रोन नरसंहार में 67 यहूदी मारे गए थे जो फिलिस्तीन में यहूदी आप्रवासन के खिलाफ फिलिस्तीनी दंगों का एक हिस्सा था.

इजराइल का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने नवंबर 1947 में एक प्रस्ताव 181 पारित किया जिसमें तत्कालीन फिलिस्तीन को 'स्वतंत्र अरब और यहूदी राज्यों' में विभाजित कर दिया गया. अरब नेताओं ने इसे खारिज कर दिया और फिलिस्तीनी लड़ाकों ने यहूदी बस्तियों पर हमला बोल दिया. 14 मई 1948 को यहूदी नेतृत्व ने एक नए राज्य की स्थापना की घोषणा की और इस तरह इजराइल अस्तित्व में आया. लेकिन इसी साल कई अरब देशों ने इजराइल पर हमला बोल दिया जिसमें फिलिस्तीनी लड़ाकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. यह लड़ाई अगले साल खत्म हुई तब तक फिलिस्तीनियों ने संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आवंटित क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा गंवा दिया. इजराइल के यहूदियों ने इसे 'स्वतंत्रता संग्राम' नाम दिया और फिलिस्तीनियों ने इसे 'अल-नकबा' कहा जिसका मतलब होता है 'तबाही'.

क्षेत्र के विवादित हिस्से

गाजा

गाजा को गाजा पट्टी भी कहा जाता है जहां करीब 20 लाख फिलिस्तीनी रहते हैं. इनमें से कई 'स्वतंत्रता संग्राम' के दौरान इजराइल से विस्थापित हो गए थे.

वेस्ट बैंक

अमेरिकी राज्य डेलावेयर से भी छोटा वेस्ट बैंक इजराइल के पूर्व में स्थित है जहां करीब 30 लाख फिलिस्तीनी रहते हैं. इनमें से ज्यादातर मुस्लिम अरब हैं. वेस्ट बैंक में कई यहूदी पवित्र स्थल हैं, जहां हर साल हजारों तीर्थयात्री आते हैं.

पूर्वी यरूशलम

यरूशलम अपने आप में एक विभाजित और विवादित शहर है. 1948 के अरब-इजराइल युद्ध ने इसे दो हिस्सों में बांट दिया था. इजराइल ने पश्चिमी हिस्से और जॉर्डन ने पूर्वी भाग को नियंत्रित किया. 1967 के छह दिवसीय युद्ध में इजराइल ने पूरे शहर पर कब्जा कर लिया था. हालांकि इसका स्वामित्व अभी भी विवादित है. इजराइली अधिकारी इसे इजराइल की अविभाजित राजधानी बताते हैं. 2017 में अमेरिका ने अपना दूतावास तेल अवीव से यरूशलम शिफ्ट कर दिया था. हालांकि ज्यादातर देश यरूशलम को इजराइल या फिलिस्तीनियों किसी का नहीं मानते हैं.

इस युद्ध में कौन लड़ रहा है?

हमास की इतिहास

हमास फिलिस्तीन का सबसे बड़ा आतंकवादी समूह है. शनिवार को उसने लड़ाई में गाजा से इजराइली शहरों पर हजारों रॉकेट दागे. इसकी स्थापना 1987 में गाजा और वेस्ट बैंक पर इजराइली कब्जे के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी विद्रोह के दौरान हुई थी. साल 2007 में चुनाव जीतने के बाद से गाजा पर इसका कब्जा है. इजराइल के विनाश की कसम खाने वाले हमास को अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देश 'आतंकवादी समूह' मानते हैं.

इजराइल रक्षा बल (IDF)

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इस लड़ाई में दूसरा पक्ष इजराइली रक्षा बल है यानी आईडीएफ जो इजराइल की संयुक्त सशस्त्र सेना है, जिसमें सेना, नौसेना और वायु सेना शामिल है. इसकी स्थापना 1948 में इजराइल की ओर से खुद को एक राज्य घोषित करने के दो हफ्ते बाद की गई थी.