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This Article is From Jun 12, 2025

रोटी की जगह गोली! इजरायली सेना ने गाजा में खाना लेने पहुंचे कम से कम 60 फिलिस्तीनियों को मार डाला

Israel-Gaza War: इजरायली सेना ने गाजा से दो इजरायली बंधकों के शव बरामद किए हैं. इजरायली प्रधान मंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान जारी कर मृत बंधकों में से एक का नाम यायर याकोव बताया, जो तीन बच्चों का 59 वर्षीय पिता था.

रोटी की जगह गोली! इजरायली सेना ने गाजा में खाना लेने पहुंचे कम से कम 60 फिलिस्तीनियों को मार डाला
Israel-Gaza War: मध्य गाजा पट्टी में एक वितरण स्थल पर फिलिस्तीनी खाने का इंतजार करते हुए

इजरायल की सेना ने बुधवार, 11 जून को गाजा में कम से कम 60 फिलिस्तीनियों को मार डाला, जिनमें से अधिकांश अमेरिकी-इजरायल वितरण योजना से भोजन लेने पहुंचे थे. द गार्डियन ने यह रिपोर्ट स्थानीय अधिकारियों के हवाले से छापी है. रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि मध्य गाजा में नेटजारिम के पास गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) द्वारा संचालित एक खाद्य वितरण केंद्र के पास पहुंचने पर कम से कम 25 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए.

वहीं बाद में दिन में, इजरायली गोलीबारी में कम से कम 14 और लोग मारे गए जब वे गाजा की दक्षिणी सीमा पर राफा में एक अन्य GHF वितरण स्थल की ओर बढ़ रहे थे. इससे पहले मंगलवार को इजरायली सैनिकों ने GHF स्थलों के आसपास 17 फिलिस्तीनियों को मार डाला था.

इजरायल को मिले दो और बंधकों के शव

इजरायल की सेना और आंतरिक सुरक्षा सेवा- शिन बेट ने गाजा से दो इजरायली बंधकों के शव बरामद किए हैं. इजरायली प्रधान मंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान जारी कर मृत बंधकों में से एक का नाम यायर याकोव बताया, जो तीन बच्चों का 59 वर्षीय पिता था, जिसे हमास ने 7 अक्टूबर 2023 के हमले में अपहरण कर मार डाला था. इस दिन 1,200 इजरायली मारे गए थे और संघर्ष शुरू हो गया था. नेतन्याहू ने कहा कि जिस दूसरे बंधक के अवशेष बरामद हुए हैं, उसका नाम अभी नहीं बताया जा सका है.

ऐसा माना जाता है कि गाजा में अभी भी 53 इजरायली बंधक हैं, लेकिन उनमें से अधिकांश मर चुके हैं.

दूसरी तरफ गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि 20 महीनों के संघर्ष में फिलीस्तीनियों की मौत का आंकड़ा 55,000 से अधिक हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय हमास सरकार का हिस्सा था, लेकिन इसमें चिकित्सा पेशेवर कार्यरत थे और इसके आंकड़ों को संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों द्वारा विश्वसनीय माना जाता है.

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