बग़दाद:
इराक़ के सेंट्रल कोर्ट की मानें तो कार डीलरशिप और मछली पालन के ज़रिए आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की मासिक कमाई कई डॉलर तक पहुंच जाती है। सुरक्षा विशेषज्ञों की मानें तो इस कट्टरपंथी संगठन की सालाना आया 2.9 बिलियन डॉलर के करीब है जिसमें से ज्यादातर इराक़ और सीरिया में तेल और गैस इंस्टॉलेशन के ज़रिए होती है। गौरतलब है कि जब से अमेरिका की अगुवाई वाले दल ने इस्लामिक स्टेट के आर्थिक ढांचे को निशाना बनाना शुरू किया तब से इस संगठन के तेल निकालने, उसे रिफाइन करने और उसके लाने जाने की क्षमता में कमी आई है। बताया जा रहा है कि इस वजह से इस्लामिक स्टेट के लड़ाकुओं की कमाई में भी कटौती हुई है।
नए तरीकों का इस्तेमाल
हालांकि इराक़ के एक तिहाई हिस्से पर काबिज़ इन आतंकियों ने इस नई मुश्किल से निपटने का रास्ता भी अपना लिया है और कमाई के लिए अब वह खेती जैसे पुराने तरीकों का सहारा ले रहे हैं। इराक़ के सेंट्रल कोर्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों ने दो साल पहले खिलाफत का बिगुल बजाने के बाद अपने मौजूदा वित्तीय तरीकों में बदलाव किया है। जब से सैन्य बलों ने संगठन के तेल के कुओं पर कब्ज़ा जमाया है, इस्लामिक स्टेट ने गैर पारंपरिक तरीकों के जरिए अपने लड़ाकुओं को पैसे देने और उनके ऑपरेशन को प्रायोजित करना शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी बग़दाद के तालाबों में मछली पकड़ने के जरिए महीने भर में कई मिलियन डॉलर की कमाई होती है। इलाके के कुछ लोगों ने अपनी खेती डर के मारे छोड़ दी है तो कुछ ऐसे हैं जो हमले से बचने के लिए इस्लामिक स्टेट का सहयोग करने के लिए राज़ी हो गए हैं। इसके अलावा कार डीलरशिप और एक वक्त में इराक़ी सरकार द्वारा चलाई जाने वाली फैक्ट्रियों पर कब्ज़ा जमाने से भी संगठन के आय के साधन बढ़ गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक तनख़्वाह के अलावा इस्लामिक स्टेट के लड़ाकुओं को किराया भत्ता, चार बच्चों के लिए आर्थिक ईनाम और वक्त वक्त पर बोनस भी दिया जाता है जैसे 2014 में मोसुल पर कब्ज़ा जमाने के बाद आतंकियों को एक हज़ार डॉलर का इनाम दिया गया था।
नए तरीकों का इस्तेमाल
हालांकि इराक़ के एक तिहाई हिस्से पर काबिज़ इन आतंकियों ने इस नई मुश्किल से निपटने का रास्ता भी अपना लिया है और कमाई के लिए अब वह खेती जैसे पुराने तरीकों का सहारा ले रहे हैं। इराक़ के सेंट्रल कोर्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकियों ने दो साल पहले खिलाफत का बिगुल बजाने के बाद अपने मौजूदा वित्तीय तरीकों में बदलाव किया है। जब से सैन्य बलों ने संगठन के तेल के कुओं पर कब्ज़ा जमाया है, इस्लामिक स्टेट ने गैर पारंपरिक तरीकों के जरिए अपने लड़ाकुओं को पैसे देने और उनके ऑपरेशन को प्रायोजित करना शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी बग़दाद के तालाबों में मछली पकड़ने के जरिए महीने भर में कई मिलियन डॉलर की कमाई होती है। इलाके के कुछ लोगों ने अपनी खेती डर के मारे छोड़ दी है तो कुछ ऐसे हैं जो हमले से बचने के लिए इस्लामिक स्टेट का सहयोग करने के लिए राज़ी हो गए हैं। इसके अलावा कार डीलरशिप और एक वक्त में इराक़ी सरकार द्वारा चलाई जाने वाली फैक्ट्रियों पर कब्ज़ा जमाने से भी संगठन के आय के साधन बढ़ गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक तनख़्वाह के अलावा इस्लामिक स्टेट के लड़ाकुओं को किराया भत्ता, चार बच्चों के लिए आर्थिक ईनाम और वक्त वक्त पर बोनस भी दिया जाता है जैसे 2014 में मोसुल पर कब्ज़ा जमाने के बाद आतंकियों को एक हज़ार डॉलर का इनाम दिया गया था।
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