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This Article is From Jan 01, 2011

ISI का काम करने वाला पाक जासूस था हेडली

वाशिंगटन: लश्कर-ए-तैयबा से ताल्लुक रखने वाला और 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के लिए महत्वपूर्ण स्थलों की तस्वीरें लेने वाला आतंकी डेविड हेडली दरअसल पाकिस्तानी जासूस था जोकि आईएसआई के लिए काम करता था। मीडिया में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शुजा पाशा को भारत की आर्थिक राजधानी पर हमले के बारे में संभवत: जानकारी थी। प्रोपब्लिका.कॉम में अमेरिकी पत्रकार सेबस्टियन रोटेला ने लिखा है, मूल रूप से जैसा कि अमेरिकी और भारतीय अधिकारियों का कहना है कि हेडली आतंकी से कहीं ज्यादा था, वह पाकिस्तानी जासूस था। रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी और भारतीय एजेंसियों की जांच में पहली बार यह बात सामने आई है कि कैसे पाक खुफिया एजेंसी ने दोहरा खेला खेला। एक तरफ वह आतंक के खिलाफ युद्ध में अमेरिका का साथी था, वहीं पाकिस्तानी हितों को साधने वाले आतंकी संगठनों को भी वह पोष रहा था। इस वेबसाइट के हाथ लगे मुंबई हमले की जांच से जुड़े दस्तावेजों से यह बात पुख्ता हुई है कि पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों ने मुंबई हमलों में आतंकी संगठन लश्कर का साथ दिया। इन हमलों में 166 लोग मारे गए जिसमें छह अमेरिकी थे। अमेरिकी पत्रकार सेबस्टियन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, भारत और अमेरिका दोनों देशों के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस बात का विश्वास है कि हेडली को आईएसआई के अधिकारियों ने जासूसी की ट्रेनिंग दी और मुंबई सहित अन्य जगहों पर आतंकी निशानों के बारे में जानकारी लेने के लिए धन और हिदायतें दी। भारतीय अधिकारियों द्वारा हेडली से की गई पूछताछ के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है, हेडली ने जांचकर्ताओं को बताया कि पाक नौसेना के एक अधिकारी ने मुंबई पर समुद्री हमले की योजना बनाने में सहायता की। प्रोपब्लिका की रिपोर्ट में हेडली के हवाले से कहा गया है कि पाक खुफिया एजेंसी में उसके हुक्मरानों ने डेनमार्क के अखबार पर लश्कर के हमले की साजिश के सिलसिले में हुई बैठक में हिस्सा लिया । पाक ने यह सूचना डेनमार्क के अधिकारियों के साथ साझा नहीं की थी। प्रोपब्लिका के अनुसार, पाकिस्तानी प्रशासकों ने इन आरोपों को जहां गलत करार दिया है वहीं अमेरिकी जांचकर्ताओं को हेडली के अधिकांश बयान में सचाई नजर आ रही है। एक बहुत ही महत्वपूर्ण खुलासे में इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हेडली ने कहा कि आईएसआई प्रमुख ले. जनरल पाशा 26/11 हमले के बाद गिरफ्तार किये गये लश्कर प्रमुख जकिउर रहमान लखवी से मिलने गए। बिना किसी विस्तत चर्चा के बताया गया है कि हेडली ने कहा, पाशा उसके पास मुंबई आतंकी हमले की साजिश को समझने के लिए आए थे। मीडिया में आई इस रिपोर्ट में कहा गया है, पाक अधिकारी इस बात से इंकार करते हैं कि आईएसआई प्रमुख जेल में लखवी से मिलने गए लेकिन भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों और विशेषज्ञों को दूसरी वाली कहानी पर भरोसा है। आतंक निरोधी एक भारतीय अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, मेरा मानना है कि पाशा को मुंबई हमले की साजिश के बारे में पहले से जानकारी थी या फिर वह आईएसआई का प्रमुख ही नहीं है। प्रोपब्लिका की रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि अमेरिकी अधिकारी इस बात के सुबूत नहीं देखते कि मुंबई पर हमले के लिए आईएसआई के हुक्मरानों ने संस्थागत फैसला लिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ अधिकारी महसूस करते हैं कि हेडली का कभी बारीक तो कभी संदिग्ध बयान आईएसआई के शीर्ष अधिकारियों को दोषमुक्त करने के लिए था। उदाहरण के लिए हेडली ने जांचकर्ताओं को बताया कि मुंबई हमले की आईएसआई प्रमुख ने उम्मीद नहीं की थी। आने वाली पुस्तक स्टोर्मिंग द वर्ल्ड स्टेज : द स्टोरी ऑफ लश्करे तय्यबा के लेखक स्टीफन टंकेल ने कहा, हमें इसपर भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि लश्कर को लेकर आईएसआई की नीतिया है कि संगठन के हर कदम की जानकारी खुफिया एजेंसी के हुक्मरानों को रहनी चाहिए।

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