
दुनिया की भीड़ में अकेलापन... या कहें सबकुछ होते हुए भी एक खालीपन... अवसाद की बीमारी से जूझ रहे न जाने कितने ही लोग भयावह कदम उठा लेते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें आयरिश महिला ने स्विटजरलैंड जाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. दुखद है कि वह अपनों के बीच नॉर्मल व्यवहार करती रही, रोजमर्रा के सब काम जैसे वो करती थी.. करती रहीं ... और एक दिन छुट्टियां मनाने की कहकर निकलीं लेकिन कभी नहीं लौटीं. जी हां, एक 58 साल की आयरिश महिला ने अपने परिवार को बताया कि वह छुट्टी पर जा रही है, लेकिन वह मौत को गले लगाने के लिए स्विटजरलैंड चली गईं.
8 जुलाई को कैवन की मां मॉरनी स्लॉ ने बताया कि वह अपने एक दोस्त के साथ लिथुआनिया जा रही है, लेकिन उनके दो दोस्तों को ये बात पता थी कि वह सहायता प्राप्त आत्महत्या के लिए स्विटजरलैंड जा रही हैं. उनकी बेटी मेगन रॉयल को अगले दिन मां की दोस्त से मरने की ये योजना पता चली.
रॉयल ने तुरंत अपने पिता से संपर्क किया, जिन्होंने स्विट्ज़रलैंड में स्लो से संपर्क करने की कोशिश की. अगले दिन रॉयल को एक व्हाट्सऐप संदेश मिला, जिसमें बताया गया था कि उनकी मां का निधन हो गया है. बेटी ने बताया कि इससे बुरा क्या ही होगा कि उनकी ऐसे मौत हुई. इस मैसेज में ये भी बताया गया था कि उनकी अस्थियां मुझे 6-8 हफ्तों में भेज दी जाएंगी. उस समय मैं बिल्कुल अकेली थी और अपने बच्चे के साथ रोती रही. मुझे लगा कि मेरी दुनिया ही खत्म हो गई हो.
क्या कहता है स्विटजरलैंड का कानून
यह संदेश स्विट्ज़रलैंड के लिस्टल स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था पेगासोस से आया था, जो मृत्यु के लिए सहायता प्रदान करती है. रॉयल को बाद में पता चला कि उनकी मां जो कि उन्हें घर लौटने का वादा करके गई थीं उन्होंने एक आवेदन दिया था और अपनी जान देने के लिए 17.8 लाख रुपये का भुगतान किया था. स्विट्जरलैंड में 1942 से ही सहायता प्राप्त आत्महत्या वैध है और यह इच्छामृत्यु से भिन्न है, जो अभी भी अवैध है, क्योंकि मरीज स्वयं ही दवा ले लेते हैं.
परिवार ने उठाए सवाल
स्लॉ की मृत्यु के बाद उनका परिवार इस बात का उत्तर ढूंढ रहा है कि उनकी जानकारी के बिना सुसाइड के लिए उनकी मदद कैसे की गई. स्लो के भाई फिलिप (जो एक ब्रिटिश वकील हैं) ने विदेश, कॉमनवेल्थ और विकास कार्यालय को पत्र लिखकर जांच की मांग की है. राइट टू लाइफ यूके की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने आरोप लगाया कि पेगासोस ने परिवार को सूचित करने की अपनी ही नीति की अनदेखी की.
मां को कैसे भूल पाएंगी रॉयल
रॉयल ने अपनी मां को 'एक तेजतर्रार, बुद्धिमान और समर्पित महिला' बताया, लेकिन ये भी बताया कि उनका मानसिक बीमारी का इतिहास रहा है. उनकी दो छोटी बहनों की मौत के बाद से वह मानसिक रूप से परेशान थीं और आत्महत्या का पहले भी प्रयास कर चुकी थीं. रॉयल ने मां की मौत से दुखी होकर कहा कि कोई नहीं कह रहा कि वह दर्द से नहीं गुजर रही थीं. इतना दर्द की कि उन्होंने जाकर अपनी जान दे दी. उनके पास जीने के लिए बहुत कुछ था. हालांकि वह एक खराब दौर से जरूर गुजरी थीं, लेकिन मेरी राय में वह इतनी बीमार नहीं थी कि ऐसा करके हमारे परिवार को छोड़ जाएं. रॉयल ने आगे कहा कि स्लो की अस्थियां अगस्त की शुरुआत में पहुंचीं और महीने के अंत तक परिवार में अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर दी. हम उन्हें उनकी दो बहनों के साथ दफनाएंगे, जिनकी मौत को लेकर वह दुखी थीं.
स्विटजरलैंड की ये मशीन है विवादों में
स्विटजरलैंड में 2019 में एक सुसाइड पॉड नाम की मशीन सामने आई. ये मशीन एनजीओ एग्जिट इंटरनेशनल के डायरेक्टर डॉ फिलिप निश्के की मदद से तैयार किया गया है. हालांकि इस मशीन को लेकर काफी आलोचना भी की गई है. ये एक मानव आकार का पॉड है जो ऑक्सीजन को नाइट्रोजन में बदल देता है, जिससे हाइपोक्सिया (हाइपोक्सिया वह स्थिति है जिसमे शरीर या शरीर के अंग को ऊतक स्तर पर पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है) से मृत्यु हो जाती है. ये मशीन के अंदर एक बटन से चलती है, इसमें इमरजेंसी बटन भी होता है.
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