Iran ने कहा US के साथ परमाणु समझौता अब भी संभव, कतर की बातचीत में मिली थी निराशा

कतर (Qatar) में हुई बातचीत का मकसद अमेरिका (US) को दोबारा 2015 की परमाणु डील(Nuclear Deal) में वापस लाना था जिसे डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन ने 2018 में खत्म कर दिया था. इसके लिए अमेरिका को ईरान (Iran) से आर्थिक प्रतिबंध हटाने होंगे. साथ ही ईरान को अपनी परमाणु गतिविधियों को भी सीमित करना होगा.  

Iran ने कहा US के साथ परमाणु समझौता अब भी संभव, कतर की बातचीत में मिली थी निराशा

2018 में खत्म हुई हुई अमेरिका-ईरान Nuclear Deal को दोबारा लागू करने के हो रहे हैं प्रयास (प्रतीकात्मक तस्वीर)

ईरान (Iran) ने गुरुवार को कहा है कि कतर (Qatar) में दोतरफा बातचीत पर अमेरिका (US) के नकारात्मक विश्लेषण के बाद भी बड़ी ताकतों के साथ परमाण समझौता अभी भी संभव है. ईरान ने कहा कि वो रुके हुई बातचीत को दोबारा शुरू करना चाहता है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था पिछले बुधवार को कि यूरोप (Europe) की मध्यस्थता में कतर की राजधानी दोहा में हुई बातचीत में "कोई प्रगति नहीं हुई." लेकिन ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर-अब्दोल्लाहैन ने कहा कि उन्हें यकीन है कि बातचीत "सकारात्मक" रहीं और अभी भी एक समझौते पर पहुंचा जा सकता है. 

उन्होंने कहा, " हम बातचीत तब तक जारी रखने के लिए सुनिश्चित हैं जब तक एक वास्तिवक समझौता नहीं हो जाता." अपने कतर के समकक्ष शेख मोहम्मद बिन अब्दुर्राहमान अल-थानी के साथ फोन पर बातचीत के बाद उन्होंने यह कहा जिन्होंने इस अप्रत्यक्ष बातचीत की मेजबानी की थी.  उन्होंने कहा, " हाल ही में दोहा में हुई बातचीत को लेकर हमारा मूल्यांकन सकारात्मक है. मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हम एक अच्छे, मजबूत और लंबे समय तक चलने वाले समझौते को लेकर गंभीर प्रयास कर रहे हैं."

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर-अब्दोल्लाहैन ने आगे कहा, "एक समझौता संभव है अगर अमेरिका वास्तविकता से काम ले."

दो दिन की बातचीत में यूरोपियन यूनियन के मध्यस्तों ने ईरान और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के पास जाकर बात की.  इसका मकसद ईरान और बड़ी ताकतों के बीच मार्च से लटके समझौते की बातचीत को दोबारा शुरू करना था.  

इस बातचीत का मकसद अमेरिका को दोबारा 2015 की डील में वापस लाना था जिसे डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने 2018 में खत्म कर दिया था. इसके लिए अमेरिका को ईरान से आर्थिक प्रतिबंध हटाने होंगे. साथ ही ईरान को अपनी परमाणु गतिविधियों को भी सीमित करना होगा.  

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कतर की बातचीत के बाद कहा था कि अमेरिका ने यह साफ कर दिया है कि वह जल्द से जल्द लंबित समझौते को करना चाहता है,  इसके बदले में ईरान को पूरी पाबंदी का पालन करना होगा.  

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ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत खास कर इस मुद्दे पर अटकी है कि ईरान की मांग है कि उसकी इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को अमेरिका की आंतकी सूची से हटाया जाए.