संयुक्त राष्ट्र:
ईरान में फांसी की सजा के बढ़ते मामलों और पिछले महीनों के दौरान 66 लोगों को फांसी दिए जाने पर संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है। उच्चायुक्त नवी पिल्लै ने कहा, हम ईरान से पहले भी कई दफा और अब भी फांसी रोकने के लिए कह रहे हैं। मैं बहुत निराश हूं कि हमारे आग्रह के बावजूद ईरानी अधिकारियों ने मौत की सजा के मामलों को बरकरार रखा है। उन्होंने मोहर्रिद या ईश्वर के खिलाफ अपराध के मामले में फांसी पर लटकाए गए तीन राजनीतिक कार्यकर्ताओं के मामलों का भी जिक्र किया। मानवाधिकार प्रमुख ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मुक्त सहयोग के मुताबिक नागरिक और राजनीतिक अधिकार की बात की गारंटी पर जोर देते हुए कहा कि असंतोष एक अपराध नहीं है। उन्होंने लोगों को विपक्षी समूहों के साथ सहयोग के लिए कैद करने, राजनीतिक दृष्टिकोण और जुड़ाव के लिए मार डालने की घटनाओं के प्रति भी कहा कि यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। उच्चायुक्त ने कहा है कि ईरान मौत की सजा के मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विचारों से जरुर अवगत होगा, जो मौत की सजा के उन्मूलन के पक्ष में है।
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