ईरान ने एक नागरिक को युनाइटेड किंगडम (यूके) के लिए जासूसी करने के जुर्म में दस साल कैद की सजा सुनाई है.
न्यायपालिका के प्रवक्ता गुलाम हुसैन इस्माइली ने सरकारी टेलीविजन पर कहा कि 'आरोपी ब्रिटिश कौंसिल में ईरान डेस्क प्रभारी ने ब्रिटिश खुफिया विभाग से सहयोग की बात स्वीकार की है.'
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अधिकारी ने इस व्यक्ति की पहचान का खुलासा नहीं किया लेकिन मार्च 2018 को ईरान में लंदन स्थित ब्रिटिश कौंसिल की कर्मचारी व कला विद्यार्थी अरस अमीरी को गिरफ्तार किया गया था.
अमीरी के रिश्तेदार ने मई 2018 में कहा था कि उस पर 'राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ काम करने का' आरोप लगाया गया है.
यूके एक अन्य महिला ब्रिटिश-ईरानी नागरिक नाजनीन जगारी-रैटक्लिफ की तेहरान स्थित जेल से रिहाई के प्रयासों में लगा हुआ है. इन पर भी जासूसी का आरोप लगा है जिससे उन्होंने इनकार किया है.
यूके के सांस्कृतिक संबंधों व शिक्षा अवसरों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन ब्रिटिश कौंसिल ने बीते साल कहा था कि उसकी एक कर्मचारी को ईरान में हिरासत में लिया गया है जो निजी यात्रा पर वहां गई थी.
कौंसिल मुख्य कार्यकारी किआरन देवाने ने सोमवार को कहा, "हमने इस आशय की रिपोर्ट देखी हैं कि एक ईरानी नागरिक को, जिसे ब्रिटिश कौंसिल कर्मचारी बताया गया है, सजा हुई है। लेकिन, हम इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि कर्मचारी का संबंध कौंसिल से है."
विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय ने कहा, "तेहरान में ब्रिटिश दूतावास के अधिकारी मामले में विस्तृत जानकारी लेने के लिए ईरान सरकार के संपर्क में हैं."
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