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‘अमेरिकी हमले में ईरान का परमाणु कार्यक्रम तबाह नहीं हुआ’, अपनी ही खूफिया एजेंसी के इस आकलन पर भड़के ट्रंप

Iran nuclear programme: अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के हेडक्वाटर, पेंटागन ने हमले का खुफिया प्रारंभिक आकलन किया है. इसके अनुसार ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट नहीं किया. 

Iran nuclear programme: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई

  • अमेरिकी हमले पर पेंटागन के प्रारंभिक आकलन के अनुसार ईरान का परमाणु कार्यक्रम नष्ट नहीं हुआ है.
  • व्हाइट हाउस ने हमले के नुकसान के आकलन को गलत और ट्रंप का अपमान बताया है.
  • ट्रंप का दावा है कि हमले ने ईरान की परमाणु एनरिचमेंट फैसिलिटी को पूरी तरह नष्ट कर दिया.
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ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमला सफल रहा या नहीं, अब इसको लेकर अमेरिकी एजेंसियों और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में ही ठन गई है. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के हेडक्वाटर, पेंटागन ने हमले का खुफिया प्रारंभिक आकलन किया है. इसके अनुसार ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुए अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट नहीं किया और शायद केवल इसे कुछ महीनों पीछे ही धकेला है. 

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की खूफिया एजेंसी- डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के इस एसेस्मेंट (मूल्यांकन) से परिचित सूत्रों ने सीबीएस को बताया है कि बमबारी में ईरान के समृद्ध यूरेनियम के भंडार को नष्ट नहीं किया जा सका है. हालांकि दूसरी तरफ व्हाइट हाउस ने कहा कि परमाणु कार्यक्रम को हुए नुकसान का यह शुरुआती आकलन "पूरी तरह से गलत" है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को "नीचा दिखाने का एक स्पष्ट प्रयास" है. ट्रंप ने साफ-साफ कहा है कि शनिवार और रविवार के बीच हुए इन हवाई हमलों ने ईरान की परमाणु एनरिचमेंट फैसिलिटी को "पूरी तरह से नष्ट" कर दिया है.

गौरतलब है कि अमेरिका ने ईरान में तीन परमाणु ठिकानों - फोर्डो, नतानज और इस्फहान- पर "बंकर बस्टर" बमों से हमला किया था. 

ईरान परमाणु हथियार बना रहा था या नहीं? ट्रंप और खूफिया एजेंसी के अलग-अलग दावे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सप्ताह कांग्रेस को बताया कि अमेरिका द्वारा जिन ईरानी साइटों पर बमबारी की गई, वे "परमाणु हथियार विकास कार्यक्रम" से जुड़े थे. हालांकि अमेरिकी जासूसी एजेंसियों ने कहा है कि ऐसा कोई कार्यक्रम मौजूद नहीं था. यानी ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा था.

ट्रंप और एजेंसी के इन अलग-अलग दावे ने सवाल उठाया है कि क्या अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने ईरान पर हमले का आदेश देने के उनके फैसले का समर्थन किया था या नहीं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने सोमवार को अपने प्रमुख सहयोगी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष माइक जॉनसन को लिखे एक पत्र में यह बात कही और इसे व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया.

ट्रंप ने लिखा, "अमेरिका की सेना ने ईरान में तीन परमाणु सुविधाओं पर सटीक हमला किया, जिनका इस्तेमाल इस्लामी गणतंत्र ईरान की सरकार अपने परमाणु हथियार विकास कार्यक्रम के लिए कर रही थी."

गौरतलब है कि अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड द्वारा मार्च में कांग्रेस के सामने रखे गए लेटेस्ट अमेरिकी एसेस्मेंट में कहा था कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने 2003 में बंद किए गए परमाणु-हथियार बनाने के प्रयास को फिर से शुरू करने का आदेश नहीं दिया था. अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों तक पहुंच रखने वाले एक सूत्र ने पिछले हफ्ते रॉयटर्स को बताया कि मार्च का आकलन नहीं बदला है.

खास बात यह है कि इन सबके बीच ईरान इस बात पर जोर देता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उपयोग के लिए है.

यह भी पढ़ें: ईरान अब परमाणु हथियार नहीं बनाएगा, सत्ता परिवर्तन भी नहीं होगा- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप

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