अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जी-7 देशों के अपने समकक्षों को बताया है कि ईरान और हिजबुल्लाह, इजरायल पर सोमवार को हमला कर सकते हैं. इस बारे में एक्सियोस की रिपोर्ट में जानकारी दी गई. वहीं इजरायल के प्रमुख दैनिक टाइम्स ऑफ़ इजरायल ने बताया कि बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली सरकार अपनी धरती पर हमले को रोकने के लिए ईरान पर हमले को मंजूरी दे सकती है.
इजरायल की क्या तैयारी
इस रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल भी हमले की तैयारी में है. इजरायल की प्रमुख खुफिया एजेंसियों मोसाद और शिन बेट और उनके संबंधित प्रमुख डेविड बार्निया और रोनेन बार, नेतन्याहू द्वारा बुलाई गई एक बैठक का हिस्सा थे, जिसमें रक्षा मंत्री योव गैलेंट और आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ हर्ज़ी हलेवी भी शामिल थे. ईरान ने शनिवार को कहा कि हिजबुल्लाह इजरायली क्षेत्र में अपने हमलों को और बढ़ाएगा, संभवतः अब सैन्य प्रतिष्ठानों के अलावा भी कई और जगहों को निशाना बनाएगा.
हिजबुल्लाह और इजरायल में कैसे बढ़ा तनाव
इजरायल द्वारा हाल ही में हिजबुल्लाह के वरिष्ठ सैन्य कमांडर फुआद शुक्र की हत्या के बाद तनाव और बढ़ा है. 30 जुलाई को इजरायल ने दक्षिणी बेरूत में घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके पर हमला किया, जिसमें फुआद शुक्र और पांच नागरिक मारे गए. तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हनिया की हत्या से स्थिति और जटिल हो गई है, इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया गया है, हालांकि इजरायली अधिकारियों द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
कई देशों ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने को कहा
अब मौजूदा स्थिति से चिंता और बढ़ गई है. क्योंकि महीनों से चल रही झड़पें हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच बड़े संघर्ष में तब्दील होती दिख रही है. दोनों आखिरी बार 2006 में एक विनाशकारी युद्ध में शामिल हुए थे, जिसमें इजरायल ने बेरूत में लेबनान के एकमात्र यात्री हवाई अड्डे पर बमबारी की थी. मौजूदा स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत सहित विभिन्न दूतावासों ने अपने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे कमर्शियल उड़ानें उपलब्ध रहने तक लेबनान छोड़ दें.
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