इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइज़ेशन, इंटरपोल (Interpol) ने खालिस्तान (Khalistan) के अलगाववादी नेता गुरूपतवंत सिंह पुन्नू के खिलाफ आतंकी मामलों में रेड कॉर्नर नोटिस (Red Corner Notice) जारी करने की भारी की अपील वापस भेज दी है. सूत्रों ने बताया है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (CBI) ने भारतीय एजेंसियों की तरफ से सभी इनपुट जमा किये थे लेकिन इंटरपोल ने और प्रश्न पूछते हुए इस अपील को वापस भेज दिया. सरकारी सूत्रों ने जोर देकर कहा है कि जैसा कि कुछ रिपोर्ट दावा कर रही हैं, इंटरपोल ने एंटी टेरर लॉ अनलॉफुल एक्टिविटीज़ प्रिवेंशन एक्ट, UAPA के किसी गलत इस्तेमाल को फ्लैग नहीं किया है. अंतरराष्ट्रीय अपराध-विरोधी संगठन ऐसी टिप्पणियां नहीं करते.
कुछ खबरों में कहा गया था कि अल्पसंख्क समुदाय और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ UAPA का "दुरुपयोग" किया जा रहा है और निष्पक्ष कार्रवाई के उनके अधिकार का 'सम्मान नहीं किया जा रहा" है.
कनाडा में खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक को मई में हिमाचल प्रदेश की धर्मशाला स्तिथ विधानसभा पर खालिस्तानी बैनर टांगने और ग्रेफिटी बनाने के मामले में मुख्य अभियुक्त बनाया गया था. उनके संगठन, सिख फॉर जस्टिस को केंद्र सरकार ने 2019 में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए बैन कर दिया था.
इस साल जनवरी में, नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने SFJ ऑपरेटिव जसविंदर सिंह मुल्तानी के बारे में जानकारी देने वाले के लिए 10 लाख रुपए का इनाम रखा था. मुल्तानी पर ISI ऑपरेटिव के साथ मिल कर मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकी हमले करने का आरोप है.
मुल्तानी गुरुपतवंत सिंह पन्नू का करीबी है और पंजाब की सीमा के आर-पार हथियार और गोला-बारूद भेजने के मामले में नोटिस में आया था. यह हथियार पाकिस्तान आधारित ऑपरेटिव और हथियारों के तस्करों की मदद से भेजे गए. कथित तौर पर उसने पंजाब में आतंकी गतिविधियों की योजना बनाई और गैंगस्टरों और चरमपंथियों की मदद से तस्करी किये गए हथियारों का प्रयोग किया.
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