भारत ने अपने राजनयिक मिशन के खिलाफ खालिस्तानी समर्थक अतिवादी तत्वों के हालिया कृत्यों के मद्देनजर कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को तलब किया है और इन घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि उसने शनिवार को मैके को तलब किया और स्पष्टीकरण मांगा कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद ‘‘अलगाववादी एवं अतिवादी तत्वों'' को भारत के राजनयिक मिशन और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा का उल्लंघन कैसे करने दिया गया.
खालिस्तान समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में गत रविवार को आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए थे.
विरोध प्रदर्शन की रिपोर्टिंग करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर मौजूद भारतीय मूल के पत्रकार समीर कौशल पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला किया था.
मंत्रालय ने बयान में कहा कि कनाडा को वियना संधि के तहत उसके दायित्वों की याद दिलाई गई और ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने तथा उन पर मुकदमा चलाने के लिए कहा गया जिनकी पहचान इस तरह के कृत्यों में शामिल होने वाले व्यक्तियों के तौर पर पहले ही की जा चुकी है.
मंत्रालय ने आशा व्यक्त की कि कनाडा सरकार भारत के राजनयिकों और उसके राजनयिक परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगी ताकि वे अपने सामान्य राजनयिक कार्यों को पूरा कर सकें.
कनाडा में हाल में खालिस्तान समर्थकों की भारत विरोधी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है. इन तत्वों ने कुछ हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ भी की है.
इस महीने की शुरुआत में, खालिस्तान समर्थकों ने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला किया था और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ की थी.
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