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This Article is From Jun 30, 2021

कोविड की चुनौती का जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग है: विदेश मंत्री ने जी-20 में कहा

जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को यहां संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, “वो चाहे टीका, दवा, पीपीई किट या ऑक्सीजन हों, कोविड की चुनौती का जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग है. ज्यादा की जरूरत है, कम नहीं.”

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कोविड की चुनौती का जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग है: विदेश मंत्री ने जी-20 में कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी द्वारा मिल रही चुनौती का जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग है.
मटेरा (इटली):

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 महामारी द्वारा मिल रही चुनौती का जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग है और सभी को न्यायसंगत रूप से टीका मिलना इसकी फौरी परीक्षा है. जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक को यहां संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, “वो चाहे टीका, दवा, पीपीई किट या ऑक्सीजन हों, कोविड की चुनौती का जवाब अंतरराष्ट्रीय सहयोग है. ज्यादा की जरूरत है, कम नहीं.” उन्होंने कहा, “संस्थागत बहुपक्षवाद की कमी पाई गई. सुधारों के कई स्वरूप हो सकते हैं, किंतु फौरी परीक्षा सभी को न्यायसंगत रूप से टीका देने की है.” कोरोना वायरस महामारी की विनाशकारी दूसरीलहर से प्रभावित भारत कोविड-19 टीकों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के साथ ही विदेशों से उनकी खरीद में भी तेजी ला रहा है. उन्होंने परोक्ष रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था के विशिष्ट उत्पादन केंद्रों पर निर्भर होने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा, “वास्तविक अर्थव्यवस्था को विनिर्माण, खाद्य और स्वास्थ्य समेत विकेंद्रीकृत वैश्वीकरण की जरूरत है. समानांतर लचीली आपूर्ति श्रृंखला विकसित होनी चाहिए.”

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पिछले महीने एक संबोधन में उन्होंने विश्व अर्थव्यवस्था को जोखिम से निकालने के लिये विकेंद्रीकृत वैश्वीकरण को बढ़ावा देने और लचीली आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने का आह्वान किया था. जयशंकर ने कहा कि “हमारे ग्रह की पूर्ण विविधता को वैश्विक नीति निर्माण में ज्यादा सटीक तौर पर प्रतिबिंबित किए जाने की जरूरत है.” अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक तीन करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जबकि तकरीबन चार लाख लोग इस महामारी की वजह से जान गंवा चुके हैं. वहीं दुनिया भर में संक्रमण के 18 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आए हैं जबकि करीब 40 लाख लोगों की इससे जान गई है.

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जयशंकर ने अफ्रीका पर जी20 के सत्र को भी संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने ग्लोबल साउथ के साथ भारत की एकजुटता और अफ्रीकी प्राथमिकताओं के सम्मान को रेखांकित किया. उन्होंने ट्वीट किया, “भारत स्वास्थ्य, शिक्षा और क्षमता निर्माण में अपना डिजिटल सहयोग बढ़ाएंगा. हम स्वास्थ्य व खाद्य सुरक्षा, कोविड प्रभाव को लेकर प्रतिक्रिया पर करीब से काम करेंगे. हमारी विकास परियोजनाएं आगे बढ़ती रहेंगी विशेष रूप से बिजली, पानी, कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में.” अपने दो देशों के दौरे के दूसरे चरण में जयशंकर जी-20 मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने यूनान से इटली पहुंचे. जी-20 शिखर सम्मेलन अक्टूबर में इटली में होना निर्धारित है. भारत के 2022 में जी20 की अध्यक्षता करने की उम्मीद दै. जी-20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को साथ लाने वाला एक प्रभावशाली समूह है. अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, भारत, इंडोनेशिया, इटली, मेक्सिको, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ जी-20 के सदस्य देश हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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