फाइल फोटो
बीजिंग:
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की यात्रा से एक दिन पहले चीन ने आज अपने मित्र देश पाकिस्तान का समर्थन किया और इसकी आतंकवाद रोधी कोशिशों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की अपील की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पाकिस्तान को ‘आतंक निर्यात फैक्टरी’ बताए जाने के बाद चीन ने यह कहा है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 24 अप्रैल को होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए कल यहां पहुंच रही हैं. वह अपने चीनी समकक्ष् वांग यी से रविवार को मिलने वाली हैं. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि आतंकवाद रूपी दुश्मन का सब सामना कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसके खिलाफ लड़ने के लिए काम करना चाहिए. लंदन में एक भाषण के दौरन मोदी द्वारा पाकिस्तान को ‘आतंक निर्यात फैक्टरी’ कहे जाने के बाद चीन की यह प्रतिक्रिया आई है.
यह भी पढ़ें: चीन ने दिया भारत-नेपाल-चीन आर्थिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव
हुआ ने कहा, ‘‘हमें आशा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद का मुकाबला करने में पाकिस्तान की कोशिशों का समर्थन करेगा और इस बारे में उसके साथ प्रभावी सहयोग कर सकता है.’’ गौरतलब है कि मोदी ने बुधवार को लंदन में ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में कहा था कि भारत आतंकवाद का निर्यात करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा और उन्हें उस भाषा में जवाब देगा जो वह समझते हैं. उन्होंने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार 2016 में किए गए ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का जिक्र करते हुए यह कहा था. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले हुआ की यह टिप्पणी आई है. यह बैठक अगले हफ्ते की शुरूआत में होने वाली है.
यह भी पढ़ें: 2018 और 2019 में चीन से ज्यादा होगी भारत की विकास दर: IMF
वहीं, अलग से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण उसी दिन एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में शरीक होंगी. आठ सदस्यीय संगठन में भारत और पाकिस्तान को शामिल किए जाने के बाद यह इसकी प्रथम बैठक है. इस संगठन में चीन और रूस अहम भूमिका निभाते हैं. इस साल जून में चीन में होने वाले एससीओ के सम्मेलन में भी मोदी शरीक होने वाले हैं. हुआ ने कहा कि आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में चर्चा होगी.
यह भी पढ़ें: चीन ने दिया भारत-नेपाल-चीन आर्थिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव
हुआ ने कहा, ‘‘हमें आशा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद का मुकाबला करने में पाकिस्तान की कोशिशों का समर्थन करेगा और इस बारे में उसके साथ प्रभावी सहयोग कर सकता है.’’ गौरतलब है कि मोदी ने बुधवार को लंदन में ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में कहा था कि भारत आतंकवाद का निर्यात करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा और उन्हें उस भाषा में जवाब देगा जो वह समझते हैं. उन्होंने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार 2016 में किए गए ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का जिक्र करते हुए यह कहा था. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले हुआ की यह टिप्पणी आई है. यह बैठक अगले हफ्ते की शुरूआत में होने वाली है.
यह भी पढ़ें: 2018 और 2019 में चीन से ज्यादा होगी भारत की विकास दर: IMF
वहीं, अलग से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण उसी दिन एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में शरीक होंगी. आठ सदस्यीय संगठन में भारत और पाकिस्तान को शामिल किए जाने के बाद यह इसकी प्रथम बैठक है. इस संगठन में चीन और रूस अहम भूमिका निभाते हैं. इस साल जून में चीन में होने वाले एससीओ के सम्मेलन में भी मोदी शरीक होने वाले हैं. हुआ ने कहा कि आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में चर्चा होगी.