इंडोनेशिया (Indonesia) के वेस्ट पापुआ (West Papua) में सोमवार देर रात हिंसा भड़क उठी. रविवार से शुरू हुए झगड़े के बाद इलाके के डबल ओ (Double O) नाइटक्लब में आग लगा दी गई. इस घटना में 18 लोगों की जलने से मौत हो गई और एक को चाकू के वार से मारा गया.सोरोंग (Sorong) पुलिस ने बताया कि उन्हें डबल ओ क्लब की दूसरी मंजिल पर 17 लाशें मिली हैं. पुलिस का कहना है कि इन हमलों में आम स्थानीय लोग शामिल नहीं थे बल्कि वेस्ट पापुआ में लंबे समय से चल रहा विद्रोह इसके पीछे है.
पुलिस अब इस बड़ी आगजनी की घटना की जांच कर रही है जिसमें क्लब की पूरी लाल-सफेद इमारत जल गई और सामने खड़े वाहन भी इसकी चपेट में आ गए.
पुलिस अध्यक्ष सेतीवान ने कहा, " क्लब की पहली मंजिल से आग शुरू हुई. हमने जितने हो सके, उतने लोगों को निकालने की कोशिश की. लेकिन सुबह जब तक आग को शांत किया जा सका, तब तक हमें वहां कुछ लाशें मिलीं.
#UPDATE At least 18 people are killed during clashes between two groups at a club in the town of Sorong in Indonesia's West Papua province, police say, with most dying after the night spot caught fire in the violence https://t.co/Qboc3DIDiq pic.twitter.com/BkUpvbRa6x
— AFP News Agency (@AFP) January 25, 2022
AFP पत्रकार के अनुसार आगे की झड़पों को रोकने के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है.
सोरोंग कोरल द्वीप राजा आमपत द्वीप का बड़ा शहर और बंदरगाह है. यह पश्चिमी पापुआ में सबसे बड़ा शहर है. इंडोनेशिया में कई जगहों पर छोटे स्तर पर अलगाववादी विद्रोहियों और इंडोनेशिया के सुरक्षा बलों के बीच झड़प होती रहती है लेकिन सोरोंग आम तौर पर शांत रहता है.
विद्रोहियों ने हाल ही में अपनी गतिविधियां तेज़ कर दी हैं. सेना से जुड़े होने के आरोप लगाते हुए सड़क निर्माताओं, स्कूलों और अस्पतालों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. अधिकारियों ने इसका जवाब और अधिक सैनिकों और पुलिस की तैनाती के साथ दिया है.
ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में समुद्र के बीच स्तिथ इस प्रांत की ज़मीनी सीमा स्वतंत्र पापुआ न्यू गिनी से लगती है. पूर्व डच उपनिवेश पापुआ में खनिज पदार्थों के भंडार हैं. पापुआ ने 1961 में स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी लेकिन दो साल बाद ही इंडोनेशिया ने स्वतंत्रता के लिए जनमत का वादा करते हुए इस पर कब्जा कर लिया.
इसके बाद इंडोनेशिया में रहने वाले जनमत को एक धोका बताया गया था लेकिन संयुक्त राष्ट्र से इसे मंजूरी मिल गई थी. दक्षिणी-पश्चिमी पापुआ की अधिकतर आबादी ईसाई है जो दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया के साथ सांस्कृतिक तौर पर कम जुड़ी हुई है.
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