प्रतीकात्मक तस्वीर
वाशिंगटन:
अमेरिकी कांग्रेस की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में अस्थिरता जारी रहने से इसके परमाणु हथियारों और सामानों पर असर पड़ेगा. इसने चीन से पाकिस्तान को दो परमाणु संयंत्रों की बिक्री को एनएसजी दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताया है.
'कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस' (सीआरएस) ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, 'पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नियंत्रण में अमेरिका और पाकिस्तानी अधिकारी भरोसा बनाए हुए हैं, लेकिन देश में अस्थिरता जारी रहने से इन रक्षा उपायों पर असर पड़ेगा. इसके अलावा भारतीय और पाकिस्तानी परमाणु हथियारों के लगातार विकास होने से दोनों देशों के बीच सामरिक स्थिरता जोखिम में पड़ सकती है.'
सीआरएस एक स्वतंत्र शोध संस्था है, जो सांसदों को फैसले लेने को लेकर सूचना देने के लिए समय-समय पर रिपोर्ट तैयार करता है. हालांकि, इसे अमेरिकी कांग्रेस का आधिकारिक विचार या रिपोर्ट नहीं माना जाता.
एक अगस्त की तारीख वाली अपने 30 पन्नों की रिपोर्ट में सीआरएस ने कहा कि चीन चासा 3 के लिए पाकिस्तान और चश्मा 4 को परमाणु रिएक्टरों की आपूर्ति कर रहा है, जो मौजूदा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है. चीन के एनएसजी में 2004 में शामिल होने से पहले इन रिएक्टरों की निविदा पूरी की गई थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
'कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस' (सीआरएस) ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, 'पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नियंत्रण में अमेरिका और पाकिस्तानी अधिकारी भरोसा बनाए हुए हैं, लेकिन देश में अस्थिरता जारी रहने से इन रक्षा उपायों पर असर पड़ेगा. इसके अलावा भारतीय और पाकिस्तानी परमाणु हथियारों के लगातार विकास होने से दोनों देशों के बीच सामरिक स्थिरता जोखिम में पड़ सकती है.'
सीआरएस एक स्वतंत्र शोध संस्था है, जो सांसदों को फैसले लेने को लेकर सूचना देने के लिए समय-समय पर रिपोर्ट तैयार करता है. हालांकि, इसे अमेरिकी कांग्रेस का आधिकारिक विचार या रिपोर्ट नहीं माना जाता.
एक अगस्त की तारीख वाली अपने 30 पन्नों की रिपोर्ट में सीआरएस ने कहा कि चीन चासा 3 के लिए पाकिस्तान और चश्मा 4 को परमाणु रिएक्टरों की आपूर्ति कर रहा है, जो मौजूदा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है. चीन के एनएसजी में 2004 में शामिल होने से पहले इन रिएक्टरों की निविदा पूरी की गई थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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