सेवेरोदविंस्की (रूस):
सोवियत युग के नवीनीकृत विमान वाहक पोत एडमिरल गोर्शकोव का समुद्री परीक्षण शुक्रवार तड़के श्वेत सागर में शुरू हुआ। समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, एडमिरल गोर्शकोव का भारतीय नाम आईएएनएस विक्रमादित्य है। इस पोत का मरम्मत कार्य उत्तरी रूस के सेवमैश गोदी में सम्पन्न हुआ है। इसका परीक्षण मूलरूप से 25 मई को शुरू होना था। परीक्षण पूरा होने में 120 दिन लगेंगे।
पोत पर रूसी और भारतीय चालक दल के सदस्य सवार हैं, लेकिन भारतीय दल मुख्यरूप से पर्यवेक्षक की भूमिका में होंगे। पोत के रूसी कमांडर, फर्स्ट रैंक कैप्टन इगोर रेबको हैं। श्वेत सागर में प्रारम्भिक परीक्षणों के बाद पोत बैरेंट्स सागर जाएगा, जहां सैन्य विमानों के साथ वह अभ्यास करेगा। विक्रमादित्य, सोवियत युग की परियोजना है, जो 1143.4 श्रेणी का विमानवाहक पोत है। इसे 2004 में ही भारत को बेच दिया गया था, लेकिन इसकी आपूर्ति दिसम्बर 2012 में सम्भव हो पाएगी।
पोत पर रूसी और भारतीय चालक दल के सदस्य सवार हैं, लेकिन भारतीय दल मुख्यरूप से पर्यवेक्षक की भूमिका में होंगे। पोत के रूसी कमांडर, फर्स्ट रैंक कैप्टन इगोर रेबको हैं। श्वेत सागर में प्रारम्भिक परीक्षणों के बाद पोत बैरेंट्स सागर जाएगा, जहां सैन्य विमानों के साथ वह अभ्यास करेगा। विक्रमादित्य, सोवियत युग की परियोजना है, जो 1143.4 श्रेणी का विमानवाहक पोत है। इसे 2004 में ही भारत को बेच दिया गया था, लेकिन इसकी आपूर्ति दिसम्बर 2012 में सम्भव हो पाएगी।
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