इंफोसिस (Infosys) ने अपने कर्मचारियों को मूनलाइटिंग (moonlighting) करने के खिलाफ चेतावनी दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने इंफोसिस की तरफ से कर्मचारियों को भेजे गए एक ईमेल का हवाला देते हुए कहा इंफोसिस के ह्यूमन रिसोर्स डिपोर्टमेंट ने कहा है कि मूनलाइटिंग कर्मचारी के काम करने की शर्तों के खिलाफ है और इसके उल्लंघन से नौकरी तक जा सकती है. मूनलाइटिंग कर्मचारी को काम के घंटों के अलावा कुछ शर्तों के आधार पर दूसरी नौकरी करने की मंजूरी देता है. अज़ीज़ प्रेमजी ने इसे "धोकेबाजी" कहा था.
अखबार के अनुसार, सोमवार को कर्मचारियों को भेजे संदेश में इंफोसिस ने कहा कि कर्मचारी काम के घंटों में या काम के घंटो के बाहर कोई दूसरा काम नहीं कर सकते हैं. कंपनी ने यह भी कहा कि वह "दो नौकरियों के सख़्ती से खिलाफ है."
कोविड 19 (Covid19) के कारण मूनलाइटनिंग का प्रचलन बढ़ा जब कर्मचारियों को ऑफिस से दूर काम करने की मंजूरी दी गई. खास कर इंफॉर्मेशन टेकनॉलजी के क्षेत्र की कई कंपनियों को पता चला कि उनके कर्चचारी दफ्तर के काम के साथ दूसरों के लिए भी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. कंपनियों ने कहा कि इससे उनकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित होगी और इसके कारण कंपनी के हितों को नुकसान पहुंच सकता है और डेटा चोरी भी हो सकता है.
लाइवमिंट के अनुसार, पिछले महीने ब्लैकस्टोन ग्रुप ने अपने कर्मचारियों की जांच तेज की थी. टाटा कन्सल्टिंग सर्विसेज के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने गणपति सुब्रमण्यम ने एक संदेश में कहा था, कर्मचारियों को नैतिक तौर पर सही काम करना चाहिए. अगर आप छोटे समय के फायदे के लिए ऐसा करते हो तो लंबे समय में आपको नुकसान होगा."
हालांकि फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी भारत की पहली ऐसी कंपनी बन गई है जो खुल कर मूनलाइटिंग को बढ़ावा दे रही है. कंपनी ने अगस्त में कुछ शर्तों के साथ पैसा कमाने के लिए दो नौकरियां करने की इजाज़त दी थी.
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