आईएस आतंकियों की फाइल फोटो
लंदन:
चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) की पत्रिका के ताज़ा अंक में कहा गया है कि इस बात की असीम संभावना है कि तस्करी के जरिये पाकिस्तान से परमाणु हथियार हासिल कर यह दुर्दांत संगठन सालभर के अंदर अमेरिका पर हमला करेगा।
आईएस की अंग्रेजी पत्रिका दाबिक में इस संबंध में एक आलेख छपा है और जान पड़ता है कि इसमें बढ़चढ़कर बातें कही गई है। ब्रिटिश पत्रकार जॉन कैंटली द्वारा लिखे गए इस आलेख में इस्लामिक स्टेट ने मध्य एशिया, अफ्रीका और एशिया के आतंकवादी इस्लामी संगठनों को एक वैश्विक मुहिम के लिए एकजुट होने का सुझाव दिया है।
पिछले कुछ महीनों में पश्चिमी देशों के कई नागरिकों को मौत के घाट उतार देने वाले इस आतंकवादी संगठन ने कहा कि वह सालभर के अंदर अपना पहला परमाणु आयुध खरीदने के लिए अपने खजाने से अरबों डॉलर खर्च करेगा।
उसने अपने इस दुष्प्रचार में फोटोपत्रकार कैंटली को नियमित रूप से इस्तेमाल किया है जो दो साल से भी अधिक समय से आईएसआईएस या आईएसआईएल के कब्जे में है।
'परफेक्ट स्टोर्म' शीषर्क वाले इस आलेख में कहा गया है, 'इस्लामिक स्टेट के पास बैंक में अरबों डॉलर हैं, इसलिए वह पाकिस्तान में अपनी इकाई से आह्वान करता कि वह क्षेत्र में भ्रष्ट अधिकारियों से संपर्क रखने वाले हथियार दलालों के जरिए परमाणु उपकरण खरीदें।'
टेलीग्राफ की खबर के अनुसार इस पत्रिका में एक काल्पनिक संभावना जतायी गई है, जिसके तहत पाकिस्तान में आईएसआईएस के आतंकवादी परमाणु उपकरण हासिल करने के लिए अधिकारी को रिश्वत देंगे और फिर इस परमाणु उपकरण को लीबिया, नाईजीरिया और मैक्सिको के रास्ते तस्करी के जरिए अमेरिका ले जाया जाएगा।
माना जाता है कि कैंटली ने दबाव में यह आलेख लिखा है, लेकिन अतिश्योक्ति और व्यंजना की अपनी हॉलमार्क शैली में उन्होंने कहा है कि इस संगठन पर काबू पाने की अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीतियां साफ तौर पर विफल रही हैं और अमेरिका के लिए जोखिम बढ़ा है।
यह आलेख ऐसे समय में छपा है, जब इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने सीरिया और इराक में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और प्राचीन शहर पाल्माइरा में संग्रहालय पर हमला किया है तथा इराक के सबसे बड़े प्रांत की राजधानी रमादी पर कब्जा कर लिया है।
रमादी के हाथ से चले जाने को ओबामा ने एक रणनीतिक झटका बताया है। ओबामा ने इस बात पर जोर दिया है कि इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ अमेरिका की अगुवाई वाला अभियान कमजोर नहीं पड़ रहा है।
कैंटली ने लिखा है कि यह कोई गुप्त बात नहीं है कि आईएसआईएस बड़े पैमाने पर अमेरिका पर हमला करने की योजना बना रहा है और उसने 12 महीने से भी कम समय में सबसे अधिक दुर्दांत इस्लामी मुहिम के उभरने के लिए सबसे दुर्दांत इस्लामी संगठन के रूप में अपनी जड़ें जमा ली हैं। आधुनिक विश्व में ऐसी मुहिम कभी नहीं देखी गई होगी।
उन्होंने लिखा कि शायद ऐसी स्थिति अकाल्पनिक हो, लेकिन यह पश्चिमी खुफिया एजेंसियों को इस बात का डर है और यह निश्चित रूप से ही आज ज्यादा संभव है, जबकि सालभर पहले ऐसा नहीं था। उन्होंने लिखा है कि अगर परमाणु नहीं तो हजारों टन अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटकों का क्या। उससे बम बनाना काफी आसान है।
आईएस की अंग्रेजी पत्रिका दाबिक में इस संबंध में एक आलेख छपा है और जान पड़ता है कि इसमें बढ़चढ़कर बातें कही गई है। ब्रिटिश पत्रकार जॉन कैंटली द्वारा लिखे गए इस आलेख में इस्लामिक स्टेट ने मध्य एशिया, अफ्रीका और एशिया के आतंकवादी इस्लामी संगठनों को एक वैश्विक मुहिम के लिए एकजुट होने का सुझाव दिया है।
पिछले कुछ महीनों में पश्चिमी देशों के कई नागरिकों को मौत के घाट उतार देने वाले इस आतंकवादी संगठन ने कहा कि वह सालभर के अंदर अपना पहला परमाणु आयुध खरीदने के लिए अपने खजाने से अरबों डॉलर खर्च करेगा।
उसने अपने इस दुष्प्रचार में फोटोपत्रकार कैंटली को नियमित रूप से इस्तेमाल किया है जो दो साल से भी अधिक समय से आईएसआईएस या आईएसआईएल के कब्जे में है।
'परफेक्ट स्टोर्म' शीषर्क वाले इस आलेख में कहा गया है, 'इस्लामिक स्टेट के पास बैंक में अरबों डॉलर हैं, इसलिए वह पाकिस्तान में अपनी इकाई से आह्वान करता कि वह क्षेत्र में भ्रष्ट अधिकारियों से संपर्क रखने वाले हथियार दलालों के जरिए परमाणु उपकरण खरीदें।'
टेलीग्राफ की खबर के अनुसार इस पत्रिका में एक काल्पनिक संभावना जतायी गई है, जिसके तहत पाकिस्तान में आईएसआईएस के आतंकवादी परमाणु उपकरण हासिल करने के लिए अधिकारी को रिश्वत देंगे और फिर इस परमाणु उपकरण को लीबिया, नाईजीरिया और मैक्सिको के रास्ते तस्करी के जरिए अमेरिका ले जाया जाएगा।
माना जाता है कि कैंटली ने दबाव में यह आलेख लिखा है, लेकिन अतिश्योक्ति और व्यंजना की अपनी हॉलमार्क शैली में उन्होंने कहा है कि इस संगठन पर काबू पाने की अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीतियां साफ तौर पर विफल रही हैं और अमेरिका के लिए जोखिम बढ़ा है।
यह आलेख ऐसे समय में छपा है, जब इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने सीरिया और इराक में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और प्राचीन शहर पाल्माइरा में संग्रहालय पर हमला किया है तथा इराक के सबसे बड़े प्रांत की राजधानी रमादी पर कब्जा कर लिया है।
रमादी के हाथ से चले जाने को ओबामा ने एक रणनीतिक झटका बताया है। ओबामा ने इस बात पर जोर दिया है कि इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ अमेरिका की अगुवाई वाला अभियान कमजोर नहीं पड़ रहा है।
कैंटली ने लिखा है कि यह कोई गुप्त बात नहीं है कि आईएसआईएस बड़े पैमाने पर अमेरिका पर हमला करने की योजना बना रहा है और उसने 12 महीने से भी कम समय में सबसे अधिक दुर्दांत इस्लामी मुहिम के उभरने के लिए सबसे दुर्दांत इस्लामी संगठन के रूप में अपनी जड़ें जमा ली हैं। आधुनिक विश्व में ऐसी मुहिम कभी नहीं देखी गई होगी।
उन्होंने लिखा कि शायद ऐसी स्थिति अकाल्पनिक हो, लेकिन यह पश्चिमी खुफिया एजेंसियों को इस बात का डर है और यह निश्चित रूप से ही आज ज्यादा संभव है, जबकि सालभर पहले ऐसा नहीं था। उन्होंने लिखा है कि अगर परमाणु नहीं तो हजारों टन अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटकों का क्या। उससे बम बनाना काफी आसान है।
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