नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान के बीच आगामी 23 से 25 जून के बीच इस्लामाबाद में होने वाली सचिव स्तरीय वार्ता को लेकर भारत का मानना है कि वह खुले दिमाग से रचनात्मक आधार पर वार्ता को आगे बढ़ाएगा। भारतीय विदेश सचिव निरूपमा राव अपने पाकिस्तानी समकक्ष सलमान बशीर से खुले और रचनात्मक मन से तथा यथार्थवादी उम्मीदों के साथ वार्ता करेंगी। सरकारी सूत्रों ने बताया, "विदेश सचिव स्तरीय वार्ता के लिए हम खुले और रचनात्मक रुख के साथ इस्लामाबाद जा रहे हैं और इस दौरान आपसी हित और चिंता से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे और पूर्व में वार्ता में हुई प्रगति को आगे बढ़ाएंगे।" सूत्र ने कहा, "इतिहास और भारत-पाक रिश्तों की जटिलता के मद्देनजर हमारी उम्मीदें यथार्थवादी हैं।" वार्ता के दौरान दोनों देश विभिन्न मंत्रालयों से जुड़ी पूर्व की वार्ताओं की समीक्षा करेंगे। सूत्र ने बताया, "आपसी हित और चिंता से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा होगी, खासकर आतंकवादियों से जुड़े हर प्रकार के खतरे पर भी।" सूत्रों ने बताया कि गत वर्ष थिम्पू में हुई सचिव स्तरीय वार्ता से भारत संतुष्ट था। फरवरी और मई के दौरान दोनों देशों के वाणिज्य सचिवों, गृह सचिवों, रक्षा सचिवों के स्तर की वार्ता हुई है। हाल ही में सियाचीन मुद्दे पर दोनों देशों की वार्ता हुई थी। सूत्रों ने कहा, "वार्ता एक प्रक्रिया है, यह अपने आप में कोई घटना नहीं है। इन लम्बे व जटिल मुद्दों का हमें नाटकीय समाधान होने की सोचना भी नहीं चाहिए। हम कदम दर कदम आगे बढ़ेंगे और वार्ता के जरिए विश्वास बहाली का प्रयास करेंगे।" पाकिस्तान की अदालत में मुम्बई हमले को लेकर चल रही सुनवाई के बारे में सूत्रों ने बताया कि यह बहुत धीमी है और इसके नतीजे भी संतोषजनक नहीं हैं। हाल ही में इस मामले में चौथी बार न्यायाधीश को बदला गया। "हमने इससे जुड़े सभी सबूत व दस्तावेज सौंप दिया है। मुम्बई हमले को लेकर हमारी चिंताएं वाजिब हैं और हम इसका संतोषजनक समापन चाहते हैं। हम इस मामले को भी साथ लेकर चलेंगे।" इस वार्ता के पहले ही दोनों देश मालवाहक जहाजों की सुरक्षा में एक दूसरे को बाधा पहुंचाने के आरोपों को लेकर कूटनीतिक दांव पेच में उलझ हुए हैं। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि सोमालिया के समुद्री लुटेरों द्वारा मुक्त मिस्र के मालवाहक जहाज को जब उसका युद्धपोत सुरक्षा दे रहा था तो उस समय भारतीय युद्धपोत ने इस काम में बाधा पहुंचाई। जबकि भारत ने पाकिस्तान की इस शिकायत को 'पूरी तरह से आधारहीन' बताकर खारिज कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश विभाग ने इस्लामाबाद में शुक्रवार को भारतीय उच्चायोग के सामने औपचारिक तौर पर विरोध दर्ज करवाया था कि आईएनएस गोदावरी पाकिस्तानी पोत पीएनएस बाबर से रगड़ते हुए गुजरा। भारतीय युद्धपोत आईएनएस गोदावरी ने कथित तौर पर पीएनएस बाबर के रास्ते में उस समय रुकावट डाली जब वह 16 जून को वाणिज्यिक पोत एमवी स्वेज को सुरक्षा प्रदान कर रहा था। एमवी स्वेज को हाल ही में सोमालियाई लुटेरों ने मुक्त किया था। ज्ञात हो कि एमवी स्वेज को सोमालियाई लुटेरों ने 10 महीने तक बंधक बनाकर रखने के बाद गत 13 जून को उसे मुक्त किया था। इस जहाज के 22 सदस्यीय चालक दल में छह भारतीय, 11 मिस्र और चार पाकिस्तान और एक श्रीलंका का नागरिक शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चर्चा के दौरान भारत पाकिस्तान के समक्ष 26/11 मुम्बई आतंकवादी हमले के षड्यंकारियों के खिलाफ सुनवाई की प्रगति और पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली द्वारा इस हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) की भूमिका के बारे में किए गए खुलासों को उठा सकता है। माना जा रहा है कि दोनों देशों के विदेश सचिवों के स्तर पर होने वाली इन वार्ताओं से अगले वर्ष विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत का रास्ता साफ हो सकता है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष की शुरुआत में दोनों पड़ोसी देश सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर 'एक रचनात्मक एवं दूरदर्शी ढंग से' व्यापक बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए।
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