डोकलाम के करीब तैनात भारतीय सैनिक. (फाइल फोटो)
बीजिंग:
डोकलाम पर 16 जून से भारतीय और चीनी सैनिक नॉन कॉम्बैटिव मोड में आमने-सामने डटे हुए हैं. इस बीच चीन ने मंगलवार को भारतीय सेना द्वारा सीमा पर विकसित किए जा रहे बुनियादी ढांचे को अपने के लिए खतरा बताते हुए कहा कि अगर उसके सैनिकों ने भारत में प्रवेश किया तो भारत में पूरी तरह से उथल-पुथल मच जाएगी. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि डोकलाम सीमा पर चीनी सड़क निर्माण को भारत द्वारा अपने लिए खतरा बताना 'उसकी हास्यास्पद और शातिराना चाल है.' मंत्रालय ने कहा कि चीन किसी भी देश या व्यक्ति को अपने क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं देगा. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, "भारतीय पक्ष ने चीन के सड़क निर्माण की आड़ में सीमाएं तोड़ी हैं. चीनी सड़क निर्माण पर भारत का तर्क हास्यास्पद व शातिराना है और तथ्य बिलकुल साफ हैं."
उन्होंने कहा, "अगर हम भारत के हास्यास्पद तर्क को स्वीकार करते हैं, तो इसका मतलब है कि किसी को भी अगर उसके पड़ोसी के घर पर होने वाली गतिविधि नापसंद है, तो वह पड़ोसी के घर में घुस सकता है." चुनयिंग के अनुसार, "क्या इसका मतलब यह है कि अगर चीन सोचता है कि भारत के सीमावर्ती इलाके में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण उसके लिए खतरा है तो क्या वह भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर सकता है? क्या यह पूरी तरह अफरा-तफरी वाला नहीं होगा?"
यह भी पढ़ें : चीन ने किया युद्धाभ्यास, कहा- सैन्य अभ्यास भारत में धाक जमाने के मकसद से
भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की इस टिप्पणी पर कि भारत कभी भी हमलावर नहीं रहा और उसकी सीमा बढ़ाने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, हुआ ने जवाब दिया, "चीन शांति से प्यार करता है और शांति को दृढ़ता से कायम रखता है. लेकिन, इसके साथ ही हम अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की भी रक्षा करेंगे. हम किसी देश या किसी व्यक्ति को चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं देंगे."
उन्होंने कहा कि भारत को इस संघर्ष को सुलझाने के लिए डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमने कई बार कहा है कि इस समस्या को निपटाने का तरीका भारतीय पक्ष द्वारा अपने सैनिकों और उपकरणों की बगैर शर्त वापसी है. इसलिए हम भारतीय पक्ष से ठोस व अपनी गलतियों को सुझारने के लिए सकारात्मक कदम उठाने का आग्रह करते हैं." (आईएएनएस की रिपोर्ट)
उन्होंने कहा, "अगर हम भारत के हास्यास्पद तर्क को स्वीकार करते हैं, तो इसका मतलब है कि किसी को भी अगर उसके पड़ोसी के घर पर होने वाली गतिविधि नापसंद है, तो वह पड़ोसी के घर में घुस सकता है." चुनयिंग के अनुसार, "क्या इसका मतलब यह है कि अगर चीन सोचता है कि भारत के सीमावर्ती इलाके में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण उसके लिए खतरा है तो क्या वह भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर सकता है? क्या यह पूरी तरह अफरा-तफरी वाला नहीं होगा?"
यह भी पढ़ें : चीन ने किया युद्धाभ्यास, कहा- सैन्य अभ्यास भारत में धाक जमाने के मकसद से
भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की इस टिप्पणी पर कि भारत कभी भी हमलावर नहीं रहा और उसकी सीमा बढ़ाने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, हुआ ने जवाब दिया, "चीन शांति से प्यार करता है और शांति को दृढ़ता से कायम रखता है. लेकिन, इसके साथ ही हम अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की भी रक्षा करेंगे. हम किसी देश या किसी व्यक्ति को चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं देंगे."
उन्होंने कहा कि भारत को इस संघर्ष को सुलझाने के लिए डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमने कई बार कहा है कि इस समस्या को निपटाने का तरीका भारतीय पक्ष द्वारा अपने सैनिकों और उपकरणों की बगैर शर्त वापसी है. इसलिए हम भारतीय पक्ष से ठोस व अपनी गलतियों को सुझारने के लिए सकारात्मक कदम उठाने का आग्रह करते हैं." (आईएएनएस की रिपोर्ट)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं