भारत (India) ने चीन (China) से कहा है कि वह पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में सभी टकराव वाले बिंदुओं से सेना की वापसी के लिए दोनों राष्ट्रों के बीच समझौते को पूर्ण रूप से और ईमानदारी से सुनिश्चित करे. इस बारे में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) और उनके चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) के बीच शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई. COVID-19 महामारी से भारत में पैदा हुए विषम हालातों को लेकर चीन की तरफ से एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए चीनी विदेश मंत्री ने एस. जयशंकर को फोन किया था.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने की जरूरत पर बल देते हुए अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि क्षेत्र में शांति बहाली के लिए इससे संबंधित मॉस्को समझौते को पूरी तरह से और गंभीरता से लागू करने की जरूरत है.
Also discussed the issue of full and sincere implementation of the Moscow Agreement of complete disengagement at all friction points along the LAC and full restoration of peace and tranquility in Eastern Ladakh. Agreed to continue discussions in this respect.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 30, 2021
वांग यी के साथ हुई बातचीत के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, 'LAC से सटे इलाके में गतिरोध के सभी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पूर्ण शांति बहाली को लेकर मॉस्को समझौते को पूरी तरह से एवं गंभीरता से लागू करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. इस मामले में चर्चा जारी रखने पर भी सहमति बनी.'
पिछले साल सितंबर में मॉस्को में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में एस. जयशंकर और वांग यी ने मुलाकात की थी. इस दौरान वे भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में तनाव को हल करने के लिए पांच-सूत्री समझौते पर पहुंचे थे. समझौते में दोनों देशों की सेनाओं के तुरंत पीछे हटने, तनाव संबंधी सभी वजहों को खत्म करने, बॉर्डर के प्रोटोकॉल का पालन करने और LAC पर शांति स्थापित करने की बात थी.
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बताते चलें कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच पिछले साल मई से इस साल फरवरी तक विवाद चल रहा था. दोनों देशों के बीच सैन्य व राजनयिक स्तर पर कई चरण की बातचीत के बाद सेनाएं पीछे हटी थीं.
दोनों पक्ष अब उन क्षेत्रों में सेनाओं को पीछे करने पर विस्तार करने के लिए बातचीत में लगे हुए हैं, जहां टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है. 9 अप्रैल को हुई 11वें चरण की बातचीत के बाद इन क्षेत्रों में पुरानी स्थिति बहाल है. पिछले साल मई में गलवान घाटी में भारतीय सेना (Indian Army) और PLA सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी.
VIDEO: पैंगोंग से चीन के पीछे हटने के बाद दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता
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