विज्ञापन

बड़े आतंकी हमलों के तार एक ही देश से क्यों जुड़ते हैं?... एस जयशंकर ने यूएन में पाकिस्तान को घेरा

जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, "भारत अपनी स्वतंत्रता के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी देश वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है. दशकों से कई बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी हमलों की जड़ें उसी देश से जुड़ी रही हैं.

बड़े आतंकी हमलों के तार एक ही देश से क्यों जुड़ते हैं?... एस जयशंकर ने यूएन में पाकिस्तान को घेरा
  • भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भारत की ओर से संबोधन किया.
  • संयुक्त राष्ट्र का चार्टर युद्ध रोकने के साथ शांति स्थापित करने और मानव गरिमा बनाए रखने का आह्वान करता है.
  • भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए अपने पड़ोसी देश को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताया.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भारत की ओर से संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत के लोगों की ओर से आप सभी को नमस्कार. हम आज इस अद्वितीय संस्था की स्थापना के आठ दशक पूरे होने पर एकत्रित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र का चार्टर हमें केवल युद्ध रोकने का नहीं, बल्कि शांति स्थापित करने और हर मानव की गरिमा बनाए रखने का आह्वान करता है.

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से ऐतिहासिक घटनाओं ने इसकी दिशा तय की है. उपनिवेशवाद के अंत के साथ दुनिया ने अपनी विविधता को अपनाना शुरू किया. सदस्य देशों की संख्या चार गुना बढ़ गई और संगठन की भूमिका भी व्यापक हुई. वैश्वीकरण के दौर में संयुक्त राष्ट्र का एजेंडा और समृद्ध हुआ—विकास लक्ष्य केंद्र में रहे, जलवायु परिवर्तन एक साझा प्राथमिकता बना, व्यापार को बढ़ावा मिला और स्वास्थ्य व खाद्य सुरक्षा को वैश्विक कल्याण से जोड़ा गया.

आतंकवाद पर भारत का स्पष्ट रुख
जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, "भारत अपनी स्वतंत्रता के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है, क्योंकि उसका पड़ोसी देश वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है. दशकों से कई बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी हमलों की जड़ें उसी देश से जुड़ी रही हैं. संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उस देश के नागरिकों के नाम भरे पड़े हैं."

उन्होंने पहलगाम में अप्रैल में हुए निर्दोष पर्यटकों की हत्या का उदाहरण देते हुए कहा, "यह सीमा पार से की गई बर्बरता का ताजा उदाहरण है. भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए इन अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया."

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता
जयशंकर ने जोर देकर कहा, "आतंकवाद एक साझा खतरा है, और इसका मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बेहद जरूरी है. जब कोई देश आतंकवाद को अपनी राज्य नीति बना लेता है, जब आतंकवादी अड्डे औद्योगिक स्तर पर संचालित होते हैं, और जब आतंकवादियों का सार्वजनिक रूप से महिमामंडन किया जाता है. तो ऐसी प्रवृत्तियों की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए."

उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकना और प्रमुख आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक हैच. "पूरे आतंकवाद पारिस्थितिकी तंत्र पर निरंतर दबाव बनाए रखना चाहिए. जो देश आतंकवाद को प्रायोजित करते हैं, उन्हें यह समझना होगा कि यह खतरा अंततः उन्हीं को नुकसान पहुंचाता है."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com