
अमेरिका में ‘कतई बर्दाश्त’ नहीं करने की नीति के तहत किसी भारतीय को उसके बच्चे से अलग करने का पहला मामला सामने आया है.
- ‘कतई बर्दाश्त’ नहीं नीति में भारतीय को बच्चे से अलग करने का पहला मामला
- कोर्ट ने बच्चे से दोबारा मिलने के लिए 30,000 डॉलर की जमानत राशि तय की
- वाशिंगटन, न्यू मैक्सिको, ओरेगन और पेनिसिल्वेनिया की जेलों में 200 भारतीय
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
वाशिंगटन:
मैक्सिको से अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने के बाद वहां शरण मांग रही एक भारतीय महिला को पांच साल के उसके दिव्यांग बेटे से अलग कर दिया गया है. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है.
वाशिंगटन पोस्ट की खबर के अनुसार एरिजोना की अदालत ने भावन पटेल के बच्चे से दोबारा मिलने के लिए 30,000 डॉलर की जमानत राशि निर्धारित की है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह अपने बेटे से मिल पाई, या नहीं. ‘कतई बर्दाश्त’ नहीं करने की नीति के तहत किसी भारतीय को उसके बच्चे से अलग करने का यह पहला मामला है. पोस्ट ने यह नहीं बताया कि भारतीय महिला को कब गिरफ्तार किया गया था.
महिला गुजरात से है. बॉड सुनवाई के दौरान पटेल और उसके अटॉर्नी ने कहा कि वह भारत के अहमदाबाद में राजनीतिक उत्पीड़न से बचने के लिए अपने पांच साल के बच्चे के साथ यूनान गई, वहां से मैक्सिको और फिर वहां से अवैध तरीके से अमेरिका की सीमा में घुसी.
यह भी पढ़ें : ट्रंप की आव्रजन नीति का विरोध कर रहीं 600 महिलाएं गिरफ्तार
हाल ही में मीडिया में आई खबर के अनुसार वाशिंगटन, न्यू मैक्सिको, ओरेगन और पेनिसिल्वेनिया की जेलों में 200 भारतीय कैद हैं. इनमें से अधिकतर पंजाब और गुजरात से हैं. वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास और न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन तथा सेन फ्रैंसिस्को में इसके वाणिज्य दूतावासों ने अपने नागरिकों को दूतावास सहायता मुहैया कराने तथा तथ्यों का पता लगाने के लिए अपने वरिष्ठ राजनयिकों को भेजा है.
यह भी पढ़ें : सीमा पर परिवारों के बिछड़ने पर रोक लगाने के आदेश पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने किए हस्ताक्षर
गौरतलब है कि इस तरह के मामलों में अब तक 2300 से अधिक बच्चों को उनके अभिभावकों से अलग किया जा चुका है जिसके लिए अमेरिकी प्रशासन की व्यापक आलोचना हुई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वाशिंगटन पोस्ट की खबर के अनुसार एरिजोना की अदालत ने भावन पटेल के बच्चे से दोबारा मिलने के लिए 30,000 डॉलर की जमानत राशि निर्धारित की है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह अपने बेटे से मिल पाई, या नहीं. ‘कतई बर्दाश्त’ नहीं करने की नीति के तहत किसी भारतीय को उसके बच्चे से अलग करने का यह पहला मामला है. पोस्ट ने यह नहीं बताया कि भारतीय महिला को कब गिरफ्तार किया गया था.
महिला गुजरात से है. बॉड सुनवाई के दौरान पटेल और उसके अटॉर्नी ने कहा कि वह भारत के अहमदाबाद में राजनीतिक उत्पीड़न से बचने के लिए अपने पांच साल के बच्चे के साथ यूनान गई, वहां से मैक्सिको और फिर वहां से अवैध तरीके से अमेरिका की सीमा में घुसी.
यह भी पढ़ें : ट्रंप की आव्रजन नीति का विरोध कर रहीं 600 महिलाएं गिरफ्तार
हाल ही में मीडिया में आई खबर के अनुसार वाशिंगटन, न्यू मैक्सिको, ओरेगन और पेनिसिल्वेनिया की जेलों में 200 भारतीय कैद हैं. इनमें से अधिकतर पंजाब और गुजरात से हैं. वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास और न्यूयॉर्क, ह्यूस्टन तथा सेन फ्रैंसिस्को में इसके वाणिज्य दूतावासों ने अपने नागरिकों को दूतावास सहायता मुहैया कराने तथा तथ्यों का पता लगाने के लिए अपने वरिष्ठ राजनयिकों को भेजा है.
यह भी पढ़ें : सीमा पर परिवारों के बिछड़ने पर रोक लगाने के आदेश पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने किए हस्ताक्षर
गौरतलब है कि इस तरह के मामलों में अब तक 2300 से अधिक बच्चों को उनके अभिभावकों से अलग किया जा चुका है जिसके लिए अमेरिकी प्रशासन की व्यापक आलोचना हुई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं