
Ranjani Srinivasan: अमेरिका में पढ़ाई करने गई एक भारतीय छात्रा को वापस लौटना पड़ा है. अमेरिका ने उक्त भारतीय छात्रा का वीजा रद्द कर दिया था. जिसके बाद उसे स्व-निर्वासित (सेल्फ डिपोर्ट) होकर भारत आना पड़ा. अमेरिका से वापस लौटी छात्रा की पहचान रजनी श्रीनिवासन के रूप में हुई है. रजनी के अमेरिका से लौटने का वीडियो अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा किया है. जिसमें रजनी अपना बैग लेकर लौटती नजर आ रही है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर अमेरिका ने रजनी श्रीनिवासन का वीजा क्यों रद्द किया? जानिए पूरी कहानी.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी छात्रा
रजनी श्रीनिवासन अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही थी. श्रीनिवासन कोलंबिया विश्वविद्यालय में शहरी नियोजन में डॉक्टरेट की छात्रा थीं. स्कूल की वेबसाइट के अनुसार, वह कोलंबिया के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, प्लानिंग एंड प्रिजर्वेशन में शोध कर रही थीं. उसने अहमदाबाद में CEPT यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री और फुलब्राइट नेहरू और इनलाक्स स्कॉलरशिप के साथ हार्वर्ड से मास्टर डिग्री है.
आखिर रजनी का वीजा अमेरिका ने क्यों किया रद्द
अमेरिका ने रजनी श्रीनिवासन का वीजा 5 मार्च को रद्द कर दिया. रजनी पर फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने का आरोप है. अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग के अनुसार, रंजनी श्रीनिवासन का वीजा 5 मार्च को "हिंसा और आतंकवाद की वकालत" करने के कारण रद्द कर दिया गया था.
रजनी पर हमास के समर्थन का आरोप
अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रंजनी श्रीनिवासन हमास नामक आतंकवादी संगठन का समर्थन करने वाली गतिविधियों में शामिल थी. 5 मार्च, 2025 को विदेश विभाग ने उसका वीजा रद्द कर दिया. गृह सुरक्षा विभाग ने 11 मार्च को स्व-निर्वासन के लिए सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (CPB) एजेंसी ऐप का उपयोग करते हुए उसका वीडियो फुटेज प्राप्त किया है.
It is a privilege to be granted a visa to live & study in the United States of America.
— Secretary Kristi Noem (@Sec_Noem) March 14, 2025
When you advocate for violence and terrorism that privilege should be revoked and you should not be in this country.
I'm glad to see one of the Columbia University terrorist sympathizers… pic.twitter.com/jR2uVVKGCM
सेक्रेटरी बोलीं- हिंसा की वकालत करने वाले नहीं चाहिए
अधिकारियों द्वारा कार्रवाई किए जाने से पहले स्व-निर्वासन या स्वेच्छा से देश छोड़ने से, हाल ही में भारत आए निर्वासितों की तरह अमेरिकी सैन्य विमान में बिठाए जाने और घर भेजे जाने के जोखिम से बचा जा सकता है. होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने हवाई अड्डे पर सुश्री श्रीनिवासन का एक वीडियो पोस्ट किया और कहा कि "हिंसा और आतंकवाद की वकालत करने वाले किसी भी व्यक्ति को देश में नहीं रहना चाहिए".
फिलिस्तनी समर्थक प्रदर्शन का केंद्र रहा है कोलंबिया विवि
उल्लेखनीय हो कि कोलंबिया विश्वविद्यालय इजरायल-हमास युद्ध के बीच फिलिस्तीन के समर्थन में छात्र विरोध प्रदर्शनों का केंद्र रहा है. पिछले सप्ताह, फिलिस्तीनी मूल के कोलंबिया के एक पूर्व छात्र महमूद खलील गिरफ्तार किया गया था. महमूद खलील पिछले साल परिसर में फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शनों में सबसे आगे थे.
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