भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को पाकिस्तान के दो गरुद्वारों में प्रवेश करने नहीं दिया गया.
लाहौर:
भारत ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को कथित तौर पर परेशान करने और उस देश में भारतीय सिख श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति से इंकार करने पर शुक्रवार को पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय उच्चायोग के राजनयिक अधिकारियों को परेशान किया गया और उन्हें 21 एवं 22 नवंबर को गुरुद्वारा ननकाना साहब और गुरुद्वारा सच्चा सौदा में भारतीय श्रद्धालुओं से मिलने की अनुमति नहीं दी गई. मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से पूर्व में यात्रा अनुमति मिलने के बावजूद उन्हें वहां जाने नहीं दिया गया. इसमें कहा गया है कि भारत ने उन खबरों पर गहरी चिंता व्यक्त की है जिसमें भारतीय तीर्थयात्रियों की पाकिस्तान यात्रा के दौरान साम्प्रदायिक वैमनस्य और असहिष्णुता को उकसाने और पृथकतावाद को बढ़ावा देने की बात सामने आई है, जिसका मकसद भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमतर करने का प्रयास है.
उल्लेखनीय है कि ऐसी खबरें आई हैं कि भारतीय तीर्थयात्रियों की पाकिस्तान यात्रा के दौरान खालिस्तान समर्थन बैनर दिखाए गए थे. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने पाकिस्तान से कहा है कि वह ऐसे सभी उपाए करे ताकि उसके क्षेत्र में भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार और पृथकतावादी प्रवृत्तियों को रोका जा सके. बताया जा रहा है कि प्रशासन इस बात से नाराज है कि भारत में एक ऐसी फिल्म दिखायी गयी, जिससे सिख समुदाय (Sikh Community) की भावनाएं आहत हुई. भारतीय अधिकारियों अरनजीत सिंह (Aranjeet Singh ) और सुनील कुमार (Sunil Kumar) को बुधवार रात गुरुद्वारा ननकाना साहिब और बृहस्पतिवार को गुरुद्वारा सच्चा सौदा में प्रवेश करने से रोक दिया गया. ये दोनों ही गुरुद्वारे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हैं. गुरूद्वारा प्रशासन ने उन्हें प्रवेश करने से रोका. प्रशासन ने कहा कि भारत सरकार ने ‘नानक शाह फकीर' को प्रदर्शित करने की अनुमति देकर सिखों की भावना को आहत किया था. विस्थापित लोगों की सम्पति से संबंधित ईटीपी बोर्ड ने कहा कि पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों को रोका.
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रोके गये अधिकारी वीडियो में यह कहते हुए सुने जा सकते हैं, ‘‘गुरु के घर में किसी सिख को प्रवेश करने से नहीं रोका जाता. हमें हैरत है कि आप हमें क्यों रोक रहे हैं?'' गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारी यह कहते रहे कि उनका परिसर छोड़कर चले जाना बेहतर होगा. ईटीबी बोर्ड के सचिव तारिक वजीर ने पीटीआई भाषा को कहा, ‘‘हमने भारतीय उच्चायोग को लिखकर यह कहा था कि वे अपने अधिकारियों को किसी भी गुरुद्वारे में न भेजे क्योंकि फिल्म प्रदर्शित हुई है.''
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उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने उनकी सलाह की अनदेखी की. जून में भी पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारियों ने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया और उनकी पत्नी को रावलपिंडी के हसन अब्दल स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब में प्रवेश करने से रोक दिया था.
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उल्लेखनीय है कि ऐसी खबरें आई हैं कि भारतीय तीर्थयात्रियों की पाकिस्तान यात्रा के दौरान खालिस्तान समर्थन बैनर दिखाए गए थे. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसने पाकिस्तान से कहा है कि वह ऐसे सभी उपाए करे ताकि उसके क्षेत्र में भारत के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार और पृथकतावादी प्रवृत्तियों को रोका जा सके. बताया जा रहा है कि प्रशासन इस बात से नाराज है कि भारत में एक ऐसी फिल्म दिखायी गयी, जिससे सिख समुदाय (Sikh Community) की भावनाएं आहत हुई. भारतीय अधिकारियों अरनजीत सिंह (Aranjeet Singh ) और सुनील कुमार (Sunil Kumar) को बुधवार रात गुरुद्वारा ननकाना साहिब और बृहस्पतिवार को गुरुद्वारा सच्चा सौदा में प्रवेश करने से रोक दिया गया. ये दोनों ही गुरुद्वारे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हैं. गुरूद्वारा प्रशासन ने उन्हें प्रवेश करने से रोका. प्रशासन ने कहा कि भारत सरकार ने ‘नानक शाह फकीर' को प्रदर्शित करने की अनुमति देकर सिखों की भावना को आहत किया था. विस्थापित लोगों की सम्पति से संबंधित ईटीपी बोर्ड ने कहा कि पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों को रोका.
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रोके गये अधिकारी वीडियो में यह कहते हुए सुने जा सकते हैं, ‘‘गुरु के घर में किसी सिख को प्रवेश करने से नहीं रोका जाता. हमें हैरत है कि आप हमें क्यों रोक रहे हैं?'' गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारी यह कहते रहे कि उनका परिसर छोड़कर चले जाना बेहतर होगा. ईटीबी बोर्ड के सचिव तारिक वजीर ने पीटीआई भाषा को कहा, ‘‘हमने भारतीय उच्चायोग को लिखकर यह कहा था कि वे अपने अधिकारियों को किसी भी गुरुद्वारे में न भेजे क्योंकि फिल्म प्रदर्शित हुई है.''
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उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने उनकी सलाह की अनदेखी की. जून में भी पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकारियों ने भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया और उनकी पत्नी को रावलपिंडी के हसन अब्दल स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब में प्रवेश करने से रोक दिया था.
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