श्रीलंका (Sri Lanka) में तैनात एक भारतीय बेवजह किए गए हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया. भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उच्चायोग ने भारतीय नागरिकों से श्रीलंका में नवीनतम घटनाओं से अवगत रहने और उसके हिसाब से आवाजाही करने और अन्य गतिविधियों की योजनाएं बनाने के लिए कहा है. श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के कारण राजनीतिक उथल-पुथल के बाद श्रीलंका में अशांति की स्थिति है. कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickramsinghe) ने नया राष्ट्रपति चुनने के लिए बुधवार को होने वाले महत्वपूर्ण चुनाव से पहले सोमवार को आपातकाल लगा दिया.
Officials of @IndiainSL met in the morning Mr. Vivek Varma, an Indian national and Director of Indian Visa Center, who sustained grievous injuries in an unprovoked assault last night near #Colombo. Matter brought to attention of authorities in #SriLanka. (1/ pic.twitter.com/tUc0SOq0Gd
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) July 19, 2022
भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में कहा कि भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच संबंध हमेशा सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण रहे हैं. उच्चायोग ने ट्वीट में कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति में, श्रीलंका में भारतीय नागरिकों से अनुरोध है कि वे नवीनतम घटनाओं के बारे में जागरूक रहें और हालात के हिसाब से आवाजाही और अन्य गतिविधियों की योजना बनाएं. आवश्यकता पड़ने पर आप हमसे संपर्क कर सकते हैं.''
उच्चायोग ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उसके अधिकारियों ने सुबह ‘‘भारतीय नागरिक और भारतीय वीजा केंद्र के निदेशक विवेक वर्मा से मुलाकात की जो सोमवार रात कोलंबो के पास बेवजह किए गए हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए.''
श्रीलंका में भारत के लिए वीजा सेवा को देखने वाली निजी कंपनी के लिए काम करने वाले भारतीय नागरिक विवेक वर्मा सोमवार को घायल हो गए थे और वह सरकार के अधिकारी नहीं हैं. पीटीआई-भाषा ने मंगलवार को जारी खबर में वर्मा का उल्लेख गलती से वरिष्ठ भारतीय अधिकारी के तौर पर किया था. वर्मा वीजा आवेदन केंद्र, आईवीएस लंका प्राइवेट लिमिटिड के लिए काम करते हैं।
यह मामला श्रीलंकाई अधिकारियों के ध्यान में लाया गया है. गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. राजपक्षे (73) श्रीलंका छोड़कर पिछले बुधवार को मालदीव गए और फिर बृहस्पतिवार को सिंगापुर पहुंचे। उन्होंने शुक्रवार को इस्तीफा दिया था.
चुनाव लड़ रहे विक्रमसिंघे ने आपातकाल लगाने का बचाव करते हुए कहा कि यह श्रीलंका में लोक सुरक्षा, लोक व्यवस्था और आवश्यक आपूर्ति तथा सेवाएं बहाल रखने के लिए आवश्यक है। उन्होंने सुरक्षा बलों से बुधवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों की अनुमति नहीं देने को कहा है।
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