वाशिंगटन:
भारत के मुगलकालीन अनूठे पारम्परिक कला को दिखाने के लिए वाशिंगटन के 'आर्थर-सैकलर गैलरी' और 'फ्रीरर गैलरी ऑफ आर्ट' में शनिवार को एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इन कला दीर्घाओं के पास ऐसी कलाओं का विश्व का महानतम संग्रह है।
'वर्ल्ड्स विद-इन वर्ल्ड्स: इम्पीरियल पेंटिंग्स फ्राम इंडिया एंड ईरान' कला प्रदर्शनी 16 सितम्बर तक जारी रहेगी। इसमें पारसी शासकों और मुगल शासकों अकबर, जहांगीर और शाहजहां के लिए बनाई गए 50 खूबसूरत चित्रों और फोलियो का प्रदर्शन किया जाएगा।
इस प्रदर्शनी में मुगल कला के सर्वश्रेष्ठ इतिहासकार और 'आर्थर एम सैकलर गैलरी' और 'फ्रीरर गैलरी आफ आर्ट' के पूर्व निदेशक माइलो क्लीवलैंड बीच की किताब 'द इम्पीरियल इमेज: पेंटिंग्स फार द मुगल कोर्ट' को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
इस प्रदर्शनी के दौरान 11 अगस्त को एक दिन तक चलने वाले 'इंस्पायर्ड बाय इंडिया: ए फैमिली सेलिब्रेशन' उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
भारत के स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के साथ होने वाले इस स्वतंत्र प्रदर्शनी में पारम्परिक संगीत और नृत्य प्रस्तुति तथा अन्य कार्यों के आयोजन के बाद बॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्म 'मुगल-ए-आजम' दिखाया जाएगा।
इस प्रदर्शनी में दिखाए जाने वाला महान मुगलकालीन कार्य चित्र, संप्रभुता के प्रतीक, सीमाओं के साज-सज्जा और सुलेखन का मिश्रण है जो विश्व शासकों के अस्मिता और राजवंश की विशिष्ट शाही भाव को प्रदर्शित करता है।
इसका दूसरा खंड अकबर के अधीन आने वाले स्थानीय भारतीय और पारसी कलाकारों की अभूतपूर्व सफलता के संयोग पर केंद्रित है।
इस प्रदर्शनी में अकबर के जोश और मुगलों के आकर्षण ने लोगों को अपनी तरफ खींचा है और इस कला दीर्घा में रौनक बनी हुई है।
सुप्रसिद्ध फारुक बेग की ये कला यह सिद्ध करती है कि कैसे एक कलाकार की विशिष्ट शैली सीमा पार के शाही तस्वीरों में अपना योगदान देती है।
इस प्रदर्शनी में जहांगीर के बेटे मुगल बादशाह शाहजहां की चुनी हुई अदभूत फोलियो भी पेश की गई।
'वर्ल्ड्स विद-इन वर्ल्ड्स: इम्पीरियल पेंटिंग्स फ्राम इंडिया एंड ईरान' कला प्रदर्शनी 16 सितम्बर तक जारी रहेगी। इसमें पारसी शासकों और मुगल शासकों अकबर, जहांगीर और शाहजहां के लिए बनाई गए 50 खूबसूरत चित्रों और फोलियो का प्रदर्शन किया जाएगा।
इस प्रदर्शनी में मुगल कला के सर्वश्रेष्ठ इतिहासकार और 'आर्थर एम सैकलर गैलरी' और 'फ्रीरर गैलरी आफ आर्ट' के पूर्व निदेशक माइलो क्लीवलैंड बीच की किताब 'द इम्पीरियल इमेज: पेंटिंग्स फार द मुगल कोर्ट' को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
इस प्रदर्शनी के दौरान 11 अगस्त को एक दिन तक चलने वाले 'इंस्पायर्ड बाय इंडिया: ए फैमिली सेलिब्रेशन' उत्सव का आयोजन किया जाएगा।
भारत के स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के साथ होने वाले इस स्वतंत्र प्रदर्शनी में पारम्परिक संगीत और नृत्य प्रस्तुति तथा अन्य कार्यों के आयोजन के बाद बॉलीवुड की प्रसिद्ध फिल्म 'मुगल-ए-आजम' दिखाया जाएगा।
इस प्रदर्शनी में दिखाए जाने वाला महान मुगलकालीन कार्य चित्र, संप्रभुता के प्रतीक, सीमाओं के साज-सज्जा और सुलेखन का मिश्रण है जो विश्व शासकों के अस्मिता और राजवंश की विशिष्ट शाही भाव को प्रदर्शित करता है।
इसका दूसरा खंड अकबर के अधीन आने वाले स्थानीय भारतीय और पारसी कलाकारों की अभूतपूर्व सफलता के संयोग पर केंद्रित है।
इस प्रदर्शनी में अकबर के जोश और मुगलों के आकर्षण ने लोगों को अपनी तरफ खींचा है और इस कला दीर्घा में रौनक बनी हुई है।
सुप्रसिद्ध फारुक बेग की ये कला यह सिद्ध करती है कि कैसे एक कलाकार की विशिष्ट शैली सीमा पार के शाही तस्वीरों में अपना योगदान देती है।
इस प्रदर्शनी में जहांगीर के बेटे मुगल बादशाह शाहजहां की चुनी हुई अदभूत फोलियो भी पेश की गई।
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