मेलबर्न/कोट्टायम:
केरल के रहने वाले एक भारतीय शख्स पर ऑस्ट्रेलिया के होबार्ट के एक रेस्तरां में कुछ किशोरों ने कथित हमला किया और नस्लीय टिप्पणी की. ऑस्ट्रेलिया में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे और अंशकालिक टैक्सी ड्राइवर के तौर पर काम कर रहे 33 साल के ली मैक्स जॉय ने आरोप लगाया कि उत्तरी होबार्ट के मैक्डॉनल्ड्स रेस्तरां में एक लड़की सहित पांच लोगों ने उन पर टिप्प्णी करते हुए ‘यू ब्लडी ब्लैक इंडियंस’ यानी ‘तुम अश्वेत भारतीय’ कहा और हमला कर किया. कोट्टायम जिले के पुतुप्पल्ली के रहने वाले जॉय ने कहा कि यह घटना उस वक्त हुई जब वह एक यात्रा से लौटने के बाद रेस्तरां में कॉफी पीने गए थे. उन्होंने कहा कि पांच आरोपी स्टोर के भीतर एक कर्मी से बहस कर रहे थे, लेकिन जैसे ही उनकी नजर जॉय की तरफ पड़ी तो वे उन्हीं से भिड़ गए.
रेस्तरां में मौजूद लोगों ने जब पुलिस को फोन किया तो हमलावर चले गए, लेकिन वे बाद में फिर आए और जॉय पर दोबारा हमला किया. पिछले आठ साल से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे जॉय को रॉयल होबार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया. जख्म के कारण उनके बदन से खून बह रहा था. उनकी सीएटी स्कैन और एक्स-रे जांच भी कराई गई ताकि पता चल सके कि उन्हें अंदरूनी चोट तो नहीं लगी. बाद में जॉय को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और उन्होंने पुलिस को घटना से अवगत कराया.
उन्होंने कहा, ‘‘वे मैक्डॉनल्ड्स के कर्मियों पर गुस्सा थे, लेकिन उन्होंने पहले कार पार्किंग में और फिर स्टोर के भीतर मुझ पर गुस्सा उतार दिया.’’ ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में जॉय के हवाले से कहा गया, ‘‘नस्लीय मूड निश्चित तौर पर बदल रहा है. यह अब भी जारी है. कई और ड्राइवरों से बदसलूकी की गई, लेकिन हर कोई पुलिस को नहीं बताता.’’
आरोपियों को सजा दिलाने के लिए जॉय ने भारतीय विदेश मंत्रालय से मामले में दखल देने को कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अधिकारियों की ओर से कोई गंभीर कोशिश नहीं की जा रही है. इस बीच, कोट्टायम से लोकसभा सांसद जोस के. मणि ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि वह कल विदेश मंत्रालय के सामने मुद्दे को उठाएंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रेस्तरां में मौजूद लोगों ने जब पुलिस को फोन किया तो हमलावर चले गए, लेकिन वे बाद में फिर आए और जॉय पर दोबारा हमला किया. पिछले आठ साल से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे जॉय को रॉयल होबार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया. जख्म के कारण उनके बदन से खून बह रहा था. उनकी सीएटी स्कैन और एक्स-रे जांच भी कराई गई ताकि पता चल सके कि उन्हें अंदरूनी चोट तो नहीं लगी. बाद में जॉय को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और उन्होंने पुलिस को घटना से अवगत कराया.
उन्होंने कहा, ‘‘वे मैक्डॉनल्ड्स के कर्मियों पर गुस्सा थे, लेकिन उन्होंने पहले कार पार्किंग में और फिर स्टोर के भीतर मुझ पर गुस्सा उतार दिया.’’ ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में जॉय के हवाले से कहा गया, ‘‘नस्लीय मूड निश्चित तौर पर बदल रहा है. यह अब भी जारी है. कई और ड्राइवरों से बदसलूकी की गई, लेकिन हर कोई पुलिस को नहीं बताता.’’
आरोपियों को सजा दिलाने के लिए जॉय ने भारतीय विदेश मंत्रालय से मामले में दखल देने को कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए अधिकारियों की ओर से कोई गंभीर कोशिश नहीं की जा रही है. इस बीच, कोट्टायम से लोकसभा सांसद जोस के. मणि ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि वह कल विदेश मंत्रालय के सामने मुद्दे को उठाएंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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