कीव:
यूक्रेन के कीव स्थित भारतीय राजदूत के आवास की बालकनी पर अर्द्धनग्न अवस्था में प्रदर्शन करने और राष्ट्रध्वज को फाड़ने वालीं महिलाओं को जेल की सजा हो सकती है। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक 'फीमेन' समूह की महिला कार्यकर्ता भारतीय विदेश मंत्रालय के उस दिशानिर्देश से नाराज थीं जिसमें 15 से 40 साल उम्र की यूक्रेनी महिलाओं के भारत में प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। मंत्रालय का मानना था कि इससे काम की तलाश में आने वाली वेश्याओं की संख्या कम करने में मदद मिलेगी।
ज्ञात हो कि तापमान शून्य से चार डिग्री सेल्सियस कम होने के बावजूद महिलाओं ने राजदूत के आवास पर अर्द्धनग्न अवस्था में प्रदर्शन किया।
इस बीच, यूक्रेन की पुलिस ने गुंडागर्दी और देश के प्रतीक को अपवित्र करने का मामला दर्ज किया है लेकिन शुक्रवार शाम तक मामले में किसी को आरोपी नहीं बनाया गया था।
उल्लेखनीय है 'फीमेन' समूह वर्ष 2008 से उक्रेन में सक्रिय है और यह समूह यूक्रेन में और देश के बाहर महिलाओं के अधिकारों के लिए विरोध-प्रदर्शन करता है। इसके पहले समूह के कार्यकर्ताओं पर कभी आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है।
भारतीय मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब चार प्रदर्शनकारियों ने दूतावास परिसर में व बालकनी में प्रवेश किया उस समय यूक्रेन में भारतीय राजदूत राजीव के. चंदर अपने आवास पर नहीं थे। यह घटना 19 जनवरी की है।
प्रदर्शनकारी महिलाएं अपने साथ कुछ बैनर लिए हुए थीं, जिन पर 'हम वेश्याएं नहीं हैं', 'दिल्ली अपने वेश्यालय बंद करे' और 'हम चाहते हैं माफी मांगी जाए' जैसे नारे लिखे हुए थे। ये तख्तियां अंग्रेजी व रूसी भाषा में थीं।
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के मुताबिक 'फीमेन' समूह की महिला कार्यकर्ता भारतीय विदेश मंत्रालय के उस दिशानिर्देश से नाराज थीं जिसमें 15 से 40 साल उम्र की यूक्रेनी महिलाओं के भारत में प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। मंत्रालय का मानना था कि इससे काम की तलाश में आने वाली वेश्याओं की संख्या कम करने में मदद मिलेगी।
ज्ञात हो कि तापमान शून्य से चार डिग्री सेल्सियस कम होने के बावजूद महिलाओं ने राजदूत के आवास पर अर्द्धनग्न अवस्था में प्रदर्शन किया।
इस बीच, यूक्रेन की पुलिस ने गुंडागर्दी और देश के प्रतीक को अपवित्र करने का मामला दर्ज किया है लेकिन शुक्रवार शाम तक मामले में किसी को आरोपी नहीं बनाया गया था।
उल्लेखनीय है 'फीमेन' समूह वर्ष 2008 से उक्रेन में सक्रिय है और यह समूह यूक्रेन में और देश के बाहर महिलाओं के अधिकारों के लिए विरोध-प्रदर्शन करता है। इसके पहले समूह के कार्यकर्ताओं पर कभी आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है।
भारतीय मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जब चार प्रदर्शनकारियों ने दूतावास परिसर में व बालकनी में प्रवेश किया उस समय यूक्रेन में भारतीय राजदूत राजीव के. चंदर अपने आवास पर नहीं थे। यह घटना 19 जनवरी की है।
प्रदर्शनकारी महिलाएं अपने साथ कुछ बैनर लिए हुए थीं, जिन पर 'हम वेश्याएं नहीं हैं', 'दिल्ली अपने वेश्यालय बंद करे' और 'हम चाहते हैं माफी मांगी जाए' जैसे नारे लिखे हुए थे। ये तख्तियां अंग्रेजी व रूसी भाषा में थीं।
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