अफगानिस्तान के हेरात शहर में भारतीय दूतावास पर गुरुवार तड़के भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने हमला कर दिया। चार बंदूकधारियों ने दूतावास के पास के एक मकान से मशीन गनों और ग्रेनेडों से तड़के 3:25 बजे हमला बोल दिया। चारों हमलावरों को जवाबी कार्रवाई में मार गिराया गया।
मनोनीत पीएम नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान में राजदूत से फोन पर बात की और हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया। भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर जानकारी दी है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने भारत के प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए नरेंद्र मोदी को फोन कर अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय प्रतिष्ठानों की हरसंभव सुरक्षा का आश्वासन दिया। मोदी ने भी हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले को नाकाम करने में अफगान सेना के प्रयासों के लिए करज़ई का आभार व्यक्त किया।
अफगानिस्तान में भारत के राजदूत अमर सिन्हा ने बताया कि आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) और अफगान सुरक्षाकर्मियों ने बंदूकधारियों को मार गिराया। दूतावास में दो इमारतें हैं। सिन्हा ने बताया कि बंदूकधारियों ने उस इमारत पर हमला किया, जहां महावाणिज्य दूत का आवास है। मिशन में स्थानीय अफगान नागरिकों के अलावा नौ भारतीय थे। उन्होंने बताया कि एक हमलावर दूतावास के परिसर में प्रवेश करने के लिए दीवार पर चढ़ते समय मारा गया।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के प्रमुख सुभाष गोस्वामी ने बताया, एक आतंकी को आईटीबीपी कर्मी ने ढेर किया और बाकी तीन को अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने। हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया गया है। इस हमले के बाद अफगानिस्तान में सभी भारतीय मिशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
गोस्वामी ने बताया कि काबुल स्थित भारतीय दूतावास के साथ ही जलालाबाद, मजार-ए-शरीफ तथा कंधार के अलावा हेरात के भारतीय वाणिज्य दूतावासों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अफगानिस्तान में भारत की सभी परिसंपत्तियों को लेकर हाई अलर्ट घोषित किया गया है।
शीर्ष भारतीय अधिकारियों ने कहा कि इन हमलावरों के पास रॉकेट संचालित ग्रेनेड भी थे। अधिकारी ने कहा, हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के मामले को लेकर भारतीय-अफगानिस्तान के अधिकारी एक दूसरे के संपर्क में हैं। विदेश सचिव सुजाता सिंह स्थिति का अवलोकन कर रही हैं।
पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित जलालाबाद शहर में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर बमबारी का विफल प्रयास किया गया था। हालांकि इसमें छह बच्चों समेत कुल नौ लोग मारे गए थे लेकिन किसी भी भारतीय अधिकारी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।
भारत ने अफगानिस्तान में कई बड़ी अवसंरचनात्मक परियोजनाओं में निवेश किया है। इनमें हेरात प्रांत में सलमा जलविद्युत बांध और काबुल में अफगान संसद की इमारत शामिल है। फिलहाल भारत की ओर से अफगानिस्तान को दी जा रही सहायता दो अरब डॉलर की है। इस बड़ी राशि के सहयोग के चलते भारत सभी क्षेत्रीय देशों में से सबसे बड़ा दानदाता देश बन गया है।
(इनपुट भाषा से भी)
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