हरिंदर बैंस
न्यूयॉर्क:
न्यूयॉर्क एवं न्यूजर्सी में सप्ताहांत में हुए बम विस्फोट के मामले में वांछित 28 वर्षीय अफगान-अमेरिकी को पकड़ने में मदद करने के कारण अमेरिका में बार चलाने वाला एक सिख अमेरिकियों का नायक बन गया है.
लिंडन में एक बार के मालिक हरिंदर बैंस को अहमद खान राहामी कल अपने बार के दरवाजे पर सोता हुआ दिखा. बैंस ने बताया कि वह अपने लैपटॉप पर टीवी पर समाचार देख रहे थे.
बैंस को पहले लगा कि कोई शराबी व्यक्ति दरवाजे पर आराम कर रहा है लेकिन बाद में उन्होंने अहमद खान को पहचान लिया और पुलिस को बुलाया.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल एक आम नागरिक हूं. मैंने वही किया जो हर नागरिक को करना चाहिए. असली नायक पुलिसकर्मी हैं, असली नायक कानून प्रवर्तन है.’’ अधिकारी जब अहमद खान को पकड़ने आए तो उसने बंदूक निकाल ली और गोलियां चलानी शुरू कर दीं. एक गोली एक अधिकारी के सीने में लगी.
इसके बाद पुलिस ने उसका पीछा किया. इसी दौरान अहमद खान ने पुलिस की एक कार पर गोलियां चलाईं जिसके कारण एक गोली एक अन्य अधिकारी के चेहरे को छूकर निकल गई.
जवाबी कार्रवाई में अहमद खान को कई गोलियां लगीं और उसे पकड़ लिया गया. एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने कहा कि उसे ऑपरेशन के लिए अस्पताल ले जाया गया. शुरुआत में अहमद खान ने उससे पूछताछ कर रही पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया.
भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने कहा कि बैंस ने विदेशी एवं घरेलू शत्रुओं से संविधान की रक्षा एवं सुरक्षा करने की नागरिकता की शपथ का पालन करने की हिम्मत दिखाई और इसका नतीजा यह हुआ कि चेल्सी में प्रेशर कुकर बम विस्फोट करने वाले संदिग्ध को एक अन्य प्रवासी ने पकड़ लिया जो एक भारतीय-अमेरिकी नायक-सिख है. नेशनल सिख कैंपेन ने एक बयान में कहा कि यह बैंस का बहादुरी एवं साहस भरा कदम है.
उसने कहा, ‘‘एक सिख ने सप्ताहांत में न्यूयॉर्क एवं न्यूजर्सी में हुए बम विस्फोट में शामिल आतंकवादी को पकड़ने में पुलिस की मदद की.’’ संगठन ने कहा, ‘‘उन्होंने वीरता दिखाते हुए कई निर्दोष लोगों की जान की रक्षा करने में मदद की और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को इसका श्रेय दिया. हरिंदर बैंस ने निश्चित ही वह किया जो अमेरिका में हर नागरिक को करना चाहिए. बहादुरी एवं साहस भरा कदम.’’
लिंडन में एक बार के मालिक हरिंदर बैंस को अहमद खान राहामी कल अपने बार के दरवाजे पर सोता हुआ दिखा. बैंस ने बताया कि वह अपने लैपटॉप पर टीवी पर समाचार देख रहे थे.
बैंस को पहले लगा कि कोई शराबी व्यक्ति दरवाजे पर आराम कर रहा है लेकिन बाद में उन्होंने अहमद खान को पहचान लिया और पुलिस को बुलाया.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल एक आम नागरिक हूं. मैंने वही किया जो हर नागरिक को करना चाहिए. असली नायक पुलिसकर्मी हैं, असली नायक कानून प्रवर्तन है.’’ अधिकारी जब अहमद खान को पकड़ने आए तो उसने बंदूक निकाल ली और गोलियां चलानी शुरू कर दीं. एक गोली एक अधिकारी के सीने में लगी.
इसके बाद पुलिस ने उसका पीछा किया. इसी दौरान अहमद खान ने पुलिस की एक कार पर गोलियां चलाईं जिसके कारण एक गोली एक अन्य अधिकारी के चेहरे को छूकर निकल गई.
जवाबी कार्रवाई में अहमद खान को कई गोलियां लगीं और उसे पकड़ लिया गया. एक कानून प्रवर्तन अधिकारी ने कहा कि उसे ऑपरेशन के लिए अस्पताल ले जाया गया. शुरुआत में अहमद खान ने उससे पूछताछ कर रही पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया.
भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने कहा कि बैंस ने विदेशी एवं घरेलू शत्रुओं से संविधान की रक्षा एवं सुरक्षा करने की नागरिकता की शपथ का पालन करने की हिम्मत दिखाई और इसका नतीजा यह हुआ कि चेल्सी में प्रेशर कुकर बम विस्फोट करने वाले संदिग्ध को एक अन्य प्रवासी ने पकड़ लिया जो एक भारतीय-अमेरिकी नायक-सिख है. नेशनल सिख कैंपेन ने एक बयान में कहा कि यह बैंस का बहादुरी एवं साहस भरा कदम है.
उसने कहा, ‘‘एक सिख ने सप्ताहांत में न्यूयॉर्क एवं न्यूजर्सी में हुए बम विस्फोट में शामिल आतंकवादी को पकड़ने में पुलिस की मदद की.’’ संगठन ने कहा, ‘‘उन्होंने वीरता दिखाते हुए कई निर्दोष लोगों की जान की रक्षा करने में मदद की और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को इसका श्रेय दिया. हरिंदर बैंस ने निश्चित ही वह किया जो अमेरिका में हर नागरिक को करना चाहिए. बहादुरी एवं साहस भरा कदम.’’
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