किंजल पटेल (फाइल फोटो)
मिलफोर्ड:
अमेरिका के कनेक्टिकट में आया के रूप में काम करने वाली एक भारतीय महिला को उसकी देखरेख में रहने वाले 19 माह के बच्चे की मौत के मामले में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। 29 साल की किंजल पटेल को बुधवार को न्यू हैवन की एक अदालत ने उसे यह सजा सुनाई।
जनवरी, 2014 में अथियन शिवकुमार नामक बच्चे की सिर सहित शरीर पर अन्य चोटों के चलते अस्पताल में मौत हो गई थी। पुलिस ने कहा कि किंजल ने पहले बताया था कि उसकी निगरानी में रह रहा बच्चा फिसलकर फर्श पर गिर गया, जिससे उसके सिर में चोट लग गई। हालांकि बाद में उसने कबूल किया कि उसने गुस्से में उसे धक्का दे दिया था, जिससे वह पीठ के बल गिर गया और उसके सिर में चोट लगी।
तीन दिन बाद बच्चे की मौत हो गई थी। चीफ स्टेट मेडिकल जांचकर्ता के दफ्तर ने उसे हत्या का मामला करार दिया था। पटेल के वकील केविन स्मिथ ने गुरुवार को कहा कि उनकी मुवक्किल का कभी भी बच्चे को चोट पहुंचाने का इरादा नहीं था।
किंजल पटेल ने पुलिस के समक्ष कबूल किया था कि बच्चा जब भी चावल नहीं खाता था और उसके गाल पर हाथ मार देता तो वह उसके पांव पकड़कर जोर से पटक देती और उसके सिर पकड़कर जोर-जोर से हिलाती थी। वह एक महीने पहले भी राज्य के बाल और परिवार विभाग की जांच के दायरे में थी, जब बच्चे के होंठ और ठोड़ी पर चोट के निशान के साथ अस्पताल लाया गया था।
उस घटना के बाद बच्चे के माता-पिता किंजल को काम से हटाने को तैयार हो गए थ, लेकिन बाद में उन्होंने उसे काम पर बनाए रखा। बाद में बच्चे के मां-बाप को भी 'चोट लगने के खतरे' के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उनका मामला अभी लंबित है। किंजल पटेल के वकील के मुताबिक उसे (किंजल) अमेरिकी नागरिकता प्राप्त नहीं है और रिहाई के बाद संघीय इमिग्रेशन के अधिकारी संभवत: उसे वापस भारत भेज देंगे।
जनवरी, 2014 में अथियन शिवकुमार नामक बच्चे की सिर सहित शरीर पर अन्य चोटों के चलते अस्पताल में मौत हो गई थी। पुलिस ने कहा कि किंजल ने पहले बताया था कि उसकी निगरानी में रह रहा बच्चा फिसलकर फर्श पर गिर गया, जिससे उसके सिर में चोट लग गई। हालांकि बाद में उसने कबूल किया कि उसने गुस्से में उसे धक्का दे दिया था, जिससे वह पीठ के बल गिर गया और उसके सिर में चोट लगी।
तीन दिन बाद बच्चे की मौत हो गई थी। चीफ स्टेट मेडिकल जांचकर्ता के दफ्तर ने उसे हत्या का मामला करार दिया था। पटेल के वकील केविन स्मिथ ने गुरुवार को कहा कि उनकी मुवक्किल का कभी भी बच्चे को चोट पहुंचाने का इरादा नहीं था।
किंजल पटेल ने पुलिस के समक्ष कबूल किया था कि बच्चा जब भी चावल नहीं खाता था और उसके गाल पर हाथ मार देता तो वह उसके पांव पकड़कर जोर से पटक देती और उसके सिर पकड़कर जोर-जोर से हिलाती थी। वह एक महीने पहले भी राज्य के बाल और परिवार विभाग की जांच के दायरे में थी, जब बच्चे के होंठ और ठोड़ी पर चोट के निशान के साथ अस्पताल लाया गया था।
उस घटना के बाद बच्चे के माता-पिता किंजल को काम से हटाने को तैयार हो गए थ, लेकिन बाद में उन्होंने उसे काम पर बनाए रखा। बाद में बच्चे के मां-बाप को भी 'चोट लगने के खतरे' के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उनका मामला अभी लंबित है। किंजल पटेल के वकील के मुताबिक उसे (किंजल) अमेरिकी नागरिकता प्राप्त नहीं है और रिहाई के बाद संघीय इमिग्रेशन के अधिकारी संभवत: उसे वापस भारत भेज देंगे।
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