
- भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड समझौते में वार्ता का कोई दौर नहीं बचा है.
- भारत कृषि और डेयरी मुद्दों पर समझौते से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है.
- ट्रेड एग्रीमेंट की समय सीमा 9 जुलाई थी, लेकिन डील की संभावना समाप्त हो गई. है
- गुड्स और टैरिफ पर डील की उम्मीद है, लेकिन कृषि और डेयरी पर नहीं.
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड समझौते में अड़चन आ गई है. सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि अब इस डील में वार्ता को भी कोई भी दौर नहीं बचा है. सूत्रों के अनुसार भारत ने साफ कर दिया है कि अब यह डील तभी होगी जब श्रम प्रधान क्षेत्रों में उसे प्रमुखता दी जाएगी. कृषि और डेयरी दो ऐसे क्षेत्र थे जो हमेशा से ही समझौते का अहम मुद्दा थे. भारत सरकार की तरफ से कई बार यह संदेश दिया जा चुका था कि भारत इन मसलों पर हरगिज नहीं झुकेगा. इस ट्रेड एग्रीमेंट की समय सीमा 9 जुलाई तक थी.
किसी भी तरह की डील नहीं!
सूत्रों की मानें तो गुड्स और टैरिफ पर डील की उम्मीद है लेकिन कृषि और डेयरी पर किसी भी तरह की डील की सारी संभावनाएं खत्म हो गई हैं. किसी भी तरह की मिनी डील या फिर अंतरिम समझौते की अब कोई गुंजाइश नहीं बची है. भारत की तरफ से पहले ही कहा जा चुका था कि वह कृषि और डेयरी पर किसी भी तरह से नहीं झुकेगा. अगर क्षेत्रीय टैरिफ की बात करें जिसमें स्टील और एल्युमिनियम आते हैं तो उसमें अंतरिम समझौतें में भी कोई छूट मिलने की भी संभावना नहीं है.
पीयूष गोयल ने दिया था बड़ा बयान
शुक्रवार को ही पहले वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत किसी समय सीमा के दबाव में आकर मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने में जल्दबाजी नहीं करेगा. उन्होंने यह बात उस समय कही थी जब उनसे पूछा गया था कि क्या तय समय सीमा तक अमेरिका के साथ कोई समझौता हो सकता है? एक कार्यक्रम से इतर पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत राष्ट्रीय हित में व्यापार समझौते करने के लिए तैयार है, लेकिन वह 'कभी भी समय सीमा के साथ व्यापार सौदों पर बातचीत नहीं करता है'.
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