भारत (India) और अमेरिका (US) के बीच सोमवार को चौथी 'टू प्लस टू' (2+2) मंत्रिस्तरीय बैठक हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने यूक्रेन (Ukraine) सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific) में चीन (China) की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच इस क्षेत्र में अपने सहयोग की स्थिति की समीक्षा भी की. इस बैठक में अमेरिका का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया.
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी संयुक्त बयान के अनुसार, बैठक में मंत्रियों ने यूक्रेन में तत्काल संघर्ष समाप्त करने की अपील की और इसमें नागरिकों के मारे जाने की निंदा की .
संयुक्त बयान के अनुसार, उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि समसामयिक वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून तथा सभी देशों की सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने पर आधारित है.
इस बैठक में दोनों देशों ने लोकतंत्र, बहुलतावाद, बहुआयामी द्विपक्षीय एजेंडे और बढ़ते सामरिक हितों के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की, साथ ही एक ऐसे मजबूत, नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को जारी रखने पर जोर दिया जो सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा, लोकतांत्रित मूल्यों की रक्षा तथा सभी के लिये शांति और समृद्धि को प्रोत्साहित करता हो
QUAD (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद ) की पूर्व की बैठकों का उल्लेख करते हुए दोनों देशों के मंत्रियों ने मुक्त एवं खुले हिंद प्रशांत की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की जहां सभी देशों की सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होता हो तथा सभी देश सैन्य, आर्थिक एवं राजनीतिक दबाव से मुक्त हों .
मंत्रियों ने समावेशी क्षेत्रीय ढांचे के तहत कानून के शासन, नौवहन की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण ढंग से विवादों का निपटारा करने पर जोर दिया.
संयुक्त बयान के अनुसार, ‘‘मंत्रियों ने दक्षिण चीन सागर सहित नियम आधारित व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिये अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व को रेखांकित किया.''
मंत्रियों ने क्वाड, जिसमें अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं,उसे सशक्त बनाने के लिये पिछली बैठकों की घोषणाओं को आगे ले जाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की जिसमें क्वाड को हिन्द प्रशांत क्षेत्र में वैश्विक कल्याण की शक्ति बनाने की बात कही गई थी.
सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल माध्यम से बैठक भी की थी. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा था कि यूक्रेन में रूस के युद्ध के “अस्थिर करने वाले प्रभावों” से निपटने के लिए अमेरिका और भारत सलाह-मशविरा करना जारी रखेंगे.
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने संकट के समाधान के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच सीधी वार्ता की जरूरत को रेखांकित किया.
मोदी ने अपनी शुरुआती टिप्पणियों में बुचा शहर में निर्दोष नागरिकों की हत्या की हालिया खबरों को ‘‘बहुत चिंताजनक'' बताया था और कहा कि भारत ने तुरंत इसकी निंदा की तथा निष्पक्ष जांच की मांग की.
बैठक में बाइडन ने यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के मानवीय समर्थन का स्वागत किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि अमेरिका और भारत रूसी युद्ध के प्रभावों को कैसे स्थिर किया जाए, इस पर गहन विचार-विमर्श जारी रखेंगे. उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत और बढ़ती रक्षा साझेदारी का भी जिक्र किया.
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