नवाज शरीफ का फाइल फोटो
संयुक्त राष्ट्र:
पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उम्मीद के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का राग अलापा. अपने भाषण के अधिकांश हिस्से में कश्मीर का ही जिक्र करते रहे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तो भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार है लेकिन भारत पर ''अस्वीकार्य'' शर्तें लादने का आरोप लगाया. शरीफ ने कश्मीर में जारी हिंसा का मसला उठाते हुए हिजबुल मुजाहिदीन के मारे गए आतंकी बुरहान वानी को कश्मीरी आंदोलन का नेता बताया.
नवाज शरीफ के बयान का जवाब देते हुए कहा भारत के विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा कि वह ''उरी हमले में पाकिस्तान की भूमिका'' को पूरी तरह से नकारने में तुले हैं और आतंकी बुरहान वानी का महिमामंडन आतंकवाद से पाकिस्तान के जुड़ाव को दर्शाता है. बुरहान वानी को नेता बताना शर्मनाक है और आतंकी की तारीफ से भारत हैरान है.
अकबर ने कहा, 'हमने एक आतंकवादी का महिमामंडन सुना. वानी हिज्बुल का घोषित कमांडर था, जिसे आतंकी समूह के तौर पर जाना जाता है. यह हैरान करने वाली बात है कि एक राष्ट्र का नेता स्व प्रचारित आतंकवादी का इस तरह के मंच पर महिमामंडन कर सकता है. यह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा आत्म दोषारोपण है.'
वहीं पाकिस्तान द्वारा अतिरिक्त कदम उठाते हुए बातचीत के लिए लगातार कोशिशों के नवाज शरीफ के दावे पर अकबर ने कहा, 'हमें पहला कदम ही नहीं दिखा, फिर अतिरिक्त कदम का सवाल कहां आता है?' उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान 'अपने एक हाथ में बंदूक थामकर' बातचीत करना चाहता है. वार्ता और हिंसा दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते.
उधर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण के मिनटों बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया :
शरीफ अपने भाषण में अधिकांश समय कश्मीर और भारत की ही बात करते रहे. उन्होंने कहा, ''बातचीत से केवल पाकिस्तान को ही फायदा नहीं होगा. ये दोनों पक्षों के हितों में है और जश्मू-कश्मीर विवाद के समाधान और तनाव से बचने के लिए जरूरी है.''
उरी आतंकी हमले के बाद भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच अपने 20 मिनट के भाषण में नवाज शरीफ ने कहा, ''संयुक्त राष्ट्र दक्षिण एशिया में बढ़ते तनाव को नजरअंदाज कर रहा है. पाकिस्तान हथियारों की होड़ में शामिल नहीं है लेकिन हम पड़ोसियों को हथियार बढ़ाते हुए देख नहीं सकते और इसका जवाब देने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह हरसंभव उपाय करेंगे.''
नवाज शरीफ के बयान का जवाब देते हुए कहा भारत के विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा कि वह ''उरी हमले में पाकिस्तान की भूमिका'' को पूरी तरह से नकारने में तुले हैं और आतंकी बुरहान वानी का महिमामंडन आतंकवाद से पाकिस्तान के जुड़ाव को दर्शाता है. बुरहान वानी को नेता बताना शर्मनाक है और आतंकी की तारीफ से भारत हैरान है.
अकबर ने कहा, 'हमने एक आतंकवादी का महिमामंडन सुना. वानी हिज्बुल का घोषित कमांडर था, जिसे आतंकी समूह के तौर पर जाना जाता है. यह हैरान करने वाली बात है कि एक राष्ट्र का नेता स्व प्रचारित आतंकवादी का इस तरह के मंच पर महिमामंडन कर सकता है. यह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा आत्म दोषारोपण है.'
वहीं पाकिस्तान द्वारा अतिरिक्त कदम उठाते हुए बातचीत के लिए लगातार कोशिशों के नवाज शरीफ के दावे पर अकबर ने कहा, 'हमें पहला कदम ही नहीं दिखा, फिर अतिरिक्त कदम का सवाल कहां आता है?' उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान 'अपने एक हाथ में बंदूक थामकर' बातचीत करना चाहता है. वार्ता और हिंसा दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते.
उधर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषण के मिनटों बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया :
इससे पहले नवाज शरीफ ने अपने भाषण में कहा, ''पाकिस्तान, भारत के साथ शांति चाहता है. हमने इसके लिए अतिरिक्त प्रयास किया है और बार-बार बातचीत का प्रस्ताव दिया है. लेकिन भारत ने इसके लिए अस्वीकार्य शर्तें थोपी हैं.''Pak PM Sharif at #UNGA glorifies Hizbul terrorist Burhan Wani in UN's highest forum. Shows continued Pak attachment to terrorism.
— Vikas Swarup (@MEAIndia) September 21, 2016
शरीफ अपने भाषण में अधिकांश समय कश्मीर और भारत की ही बात करते रहे. उन्होंने कहा, ''बातचीत से केवल पाकिस्तान को ही फायदा नहीं होगा. ये दोनों पक्षों के हितों में है और जश्मू-कश्मीर विवाद के समाधान और तनाव से बचने के लिए जरूरी है.''
उरी आतंकी हमले के बाद भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच अपने 20 मिनट के भाषण में नवाज शरीफ ने कहा, ''संयुक्त राष्ट्र दक्षिण एशिया में बढ़ते तनाव को नजरअंदाज कर रहा है. पाकिस्तान हथियारों की होड़ में शामिल नहीं है लेकिन हम पड़ोसियों को हथियार बढ़ाते हुए देख नहीं सकते और इसका जवाब देने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह हरसंभव उपाय करेंगे.''
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