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This Article is From Jan 29, 2013

अब 'शाहरुख खान' को लेकर भारत-पाक में वाक युद्ध

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच अक्सर होने वाली 'तू-तू, मैं-मैं' के केंद्र में मंगलवार को बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान आ गए।

पकिस्तान के मंत्री रहमान मलिक की इस टिप्पणी की कि 'भारत अभिनेता को सुरक्षा मुहैया कराए' की त्वरित और तीखी प्रतिक्रिया के तौर पर नई दिल्ली ने कहा कि इस्लामाबाद अपने ही 'अल्पसंख्यकों' पर ध्यान केंद्रित करे।

शाहरुख के उनके मुस्लिम होने संबंधी एक विवादित बयान ने तब बड़े विवाद का रूप ले लिया जब इसे लेकर जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद ने यह कहा कि स्टार को पाकिस्तान आ जाना चाहिए। इस विवाद में घी डालते हुए मलिक ने इस्लमाबाद में कहा कि भारत शाहरुख को सुरक्षा मुहैया कराए।

जीओ न्यूज की मंगलवार को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की ओर से आयोजित स्वागत समारोह के दौरान संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मलिक ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही मुल्कों के लोग शाहरुख से मुहब्बत करते हैं। भारत ने इसका जवाब देने में तनिक भी देरी नहीं की।

मीडिया में जैसे ही मलिक की टिप्पणी आई वैसे ही केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी और केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने कहा कि पाकिस्तान अपने ही देश की हालत पर चिंता करे।

तिवारी और आरके सिंह दोनों के बयान मलिक की टिप्पणी की करीब-करीब भर्त्सना करने के जैसा है।

तिवारी ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, "भारत में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा बर्ताव हो रहा है इसका अवलोकन करने की जगह वे (मलिक) इस बात पर ध्यान दें कि वे अपने देश में अल्पसंख्यकों की दशा कैसे सुधार सकते हैं।" उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चीजों की बजाय यदि मलिक अपने देश के घरेलू मामलों पर ही ध्यान केंद्रित रखें तो यह पाकिस्तान की खुशनसीबी होगी।

तिवारी ने कहा, "लोकतंत्र की परीक्षा बहुसंख्यक की बजाय अल्पसंख्यक पर ध्यान देने में है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार सभी नागरिकों को एक ही चश्मे से देखती है और संविधान के तहत सभी को बराबर का हक दिए जाने में विश्वास करती है।"

गृह सचिव आरके सिंह ने भी मलिक के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

आरके सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं.. वे (मलिक) अपने नागरिकों की सुरक्षा के बारे में चिंता करें।"

शाहरुख (47) ने दी न्यूयार्क टाइम्स के साथ प्रकाशित आउटलुक टर्निग प्वाइट पत्रिका में लिखा है, "मैं कभी-कभी राजनेताओं का हथियार बन जाता हूं, जो मुझे गलत और देशद्रोही भारतीय मुसलमानों का प्रतीक बनाने लगते हैं।"

"कई ऐसे भी मौके आए जब मुझ पर अपने देश से ज्यादा पड़ोसी मुल्क के प्रति वफादार होने का आरोप लगाया गया। यह सब इसके बावजूद कि मैं एक ऐसा भारतीय हूं जिसके पिता ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। रैलियां हुई जहां नेताओं ने मुझे देश छोड़ कर वहां जाने के लिए कहा जिसे वे लोग मेरी असली मातृभूमि के रूप में उल्लेख करते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि वे अपने नाम के कारण आतंकवादी भी समझ लिए जाते हैं। उन्होंने कहा, "संयोग से मेरे जैसा समान नाम होने को लेकर मैंने एक फिल्म 'माइ नेम इज खान' (और मैं एक आतंकवादी नहीं हूं) बनाई। यह इसी बात को साबित करती है।"

"मैं जब फिल्म को प्रमोट करने के लिए पहली बार अमेरिका जा रहा था तब दुर्भाग्यवश मुझसे एक घंटे तक मेरे आखरी नाम के बारे में पूछताछ की जाती रही।"

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