भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों (Palestinian refugees) के लिए काम कर रही संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी United Nations Relief and Works Agency के लिए 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिया है. ये सालाना दिया जाने वाला पांच मिलियन अमेरिकी डॉलर का हिस्सा है और साल 2024-25 का पहला ट्रांसफर है. पिछले कुछ सालों में भारत 35 मिलियन डॉलर की मदद दे चुका है. ये यूएन की इस एजेंसी के मूल कार्यों के लिए है जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, राहत और सामाजिक कामों के लिए है.
हाल ही में न्यूयॉर्क में UNRWA के प्लेजिंग समारोह में भारत ने और आर्थिक मदद का भी ऐलान किया. एजेंसी की खास गुज़ारिश पर भारत दवाईयां भी मुहैया कराएगा. भारत ने यहां एक बार फिर फिलिस्तीन के लोगों को सुरक्षित, वक्त पर, और लगातार मानवीय मदद की मांग की है.
इज़रायल ने आरोप लगाया है कि गाज़ा में काम कर रहे UNRWA के कर्मचारी भी 7 अक्टूबर को इज़रायस पर हुए हमास के हमले में शामिल थे. इन आरोपों की जांच यूएन कर रहा है. इस मामले में अब इज़रायल ने 108 ऐसे कर्मचारियों की फेहरिस्त यूएन को भेजी है जो उसके मुताबिक हमास, और वहां पर मौजूद आतंकी संगठनों से जुड़े हैं. लेकिन यूएन का ये भी मानना है कि इस एजेंसी के अलावा वहां पर आम नागरिकों की मदद का कोई और उपाय नहीं है. इस बीच ये भी खबर है कि गाज़ा में UNRWA का मुख्यालय बमबारी में अब खंडहर में बदल गया है.
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