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भारत को जंग रोकने के लिए इजरायल को समझाना चाहिए... : पश्चिम एशिया के संकट पर NDTV से बोले ईरानी राजदूत

ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा, "अगर इजरायल रुक गया, तो हम भी रुक जाएंगे. ईरान जंग नहीं चाहता. हम पश्चिमी क्षेत्र में शांति चाहते हैं. लेकिन अगर हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को टारगेट किया जाएगा, तो हमारे पास जवाब देने के सिवाय और कोई ऑप्शन नहीं होगा. इजरायल में हम वही कर रहे, जो हमें करना चाहिए."

भारत को जंग रोकने के लिए इजरायल को समझाना चाहिए... : पश्चिम एशिया के संकट पर NDTV से बोले ईरानी राजदूत
नई दिल्ली:

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) की जंग की आग मिडिल ईस्ट (Middle East) में फैलती जा रही है. हमास के साथ-साथ अब इजरायल लेबनान में मिलिशिया ग्रुप हिज्बुल्लाह (Hezbollah) को टारगेट कर रहा है. दूसरी ओर, ईरान ने भी इजरायल पर हमले करने शुरू कर दिए हैं. ईरान ने बुधवार को इजरायल के कई शहरों में मिसाइल अटैक किए. मिडिल ईस्ट में आने वाले दिनों में स्थिति शांति बहाल हो पाएगी... फिलहाल स्थिति नहीं दिख रही है. इस बीच ईरान के राजदूत इराज इलाही (Iraj Elahi) ने पश्चिमी एशिया में स्थिरता लाने में मदद करने के लिए भारत के दखल की मांग की है.

भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने शुक्रवार को NDTV के साथ खास इंटरव्यू में कहा कि पश्चिमी एशिया में जंग रोकने के लिए भारत को आगे आना होगा. भारत को हमले रोकने के लिए इजरायल को राज़ी करना होगा. इलाही ने कहा, "अभी के हालात देखिए... तबाही मची हुई है. ऐसे में भारत को दखल देने की जरूरत है. क्योंकि भारत की ईरान और इजरायल दोनों से दोस्ती है. इसलिए पश्चिमी एशिया में शांति और स्थिरता लाने में मदद करने के लिए भारत को इस मौके पहल करनी चाहिए, ताकि इजरायल अपनी आक्रामकता को रोके."

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भारत हमेशा से ही जंग के बजाय शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए समस्या के समाधान पर जोर देता रहा है. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जंग खत्म करने को लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बात भी कर चुके हैं. इजरायल ने जब अपने पड़ोसी लेबनान में मिलिशिया ग्रुप हिज्बुल्लाह के ठिकानों को टारगेट करना शुरू किया, तब भी पीएम मोदी ने नेतन्याहू को फोन किया था और उनसे हमले रोकने की अपील की थी.

ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा, "अगर इजरायल रुक गया, तो हम भी रुक जाएंगे. ईरान जंग नहीं चाहता. हम पश्चिमी क्षेत्र में शांति चाहते हैं. लेकिन अगर हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को टारगेट किया जाएगा, तो हमारे पास जवाब देने के सिवाय और कोई ऑप्शन नहीं होगा. इजरायल में हम वही कर रहे, जो हमें करना चाहिए."

ईरान ने लिया हमास चीफ की हत्या का बदला
इराज इलाही कहते हैं, "ईरान का बैलिस्टिक मिसाइल हमला वास्तव में एक बदले के लिए उठाया गया कदम था. क्योंकि जुलाई में इजरायल ने ईरान की धरती पर हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या कर दी थी. ये हमला उसी का जवाब था."

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राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों से ऐसे ही निपटेगा ईरान 
इलाही आगे कहते हैं, "हानिया हमारे मेहमान थे. हमारे देश में इजरायल ने उनकी हत्या कर दी. यह राष्ट्रीय सुरक्षा का बहुत बड़ा मुद्दा है. हमें ऐसे मुद्दों से इसी तरह निपटना होगा."

अपना काम खुद कर सकता है हिज्बुल्लाह
ईरानी राजदूत ने यह भी साफ किया कि बुधवार को इजरायल पर किए गए मिसाइल हमले हिज्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या का बदला नहीं था. यहां मामला उलझता जा रहा है. इजराइल के प्रति हमारी जवाबी कार्रवाई सिर्फ और सिर्फ इस्माइल हानिया की हत्या का बदला लेने के लिए थी. हिज्बुल्लाह अपना काम खुद कर सकता है."

इलाही ने फिर से दोहराया, "वैश्विक लिहाज से देखें, तो भारत एक अहम देश है. इजरायल की ओर से किए जा रहे नरसंहार को रोकने में भारत अहम भूमिका हो सकती है. लिहाजा भारत को इस बारे में आगे आकर पहल करनी चाहिए."

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