नई दिल्ली:
मुंबई हमलों के आरोपी डेविड हेडली के सहयोगी तहव्वुर राणा को मिली ‘छोटी’ सजा के खिलाफ भारत, अमेरिका से उच्चतर अदालत में अपील करने और 26/11 आतंकी मामले में उसे दोषी ठहराने के लिए कह सकता है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर ए तैयबा को साजो सामान मुहैया कराने और डेनमार्क के अखबार पर घातक हमले की साजिश रचने के लिए राणा को 14 साल जेल की सजा से भारत निराश है। राणा को जेल की सजा पूरी होने के बाद पांच साल निगरानी में गुजारना होगा।
सूत्रों का कहना है कि जेल की सजा ‘काफी छोटी’ है और पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक को मुंबई आतंकी हमलों के लिए दोषी नहीं ठहराया गया जबकि हेडली के साथ उसके काफी करीबी संबंध थे।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘कानूनी परामर्श लेने के बाद हम जेल की सजा बढाने के लिए निचली अदालत के फैसले को उच्चतर अदालत में चुनौती देने के लिए अमेरिकी अभियोजकों से कह सकते हैं। मुंबई आतंकी हमलों के आरोपों से राणा को मुक्त करने के आदेश को भी चुनौती देने के लिए कह सकते हैं।’’
सरकारी सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर ए तैयबा को साजो सामान मुहैया कराने और डेनमार्क के अखबार पर घातक हमले की साजिश रचने के लिए राणा को 14 साल जेल की सजा से भारत निराश है। राणा को जेल की सजा पूरी होने के बाद पांच साल निगरानी में गुजारना होगा।
सूत्रों का कहना है कि जेल की सजा ‘काफी छोटी’ है और पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक को मुंबई आतंकी हमलों के लिए दोषी नहीं ठहराया गया जबकि हेडली के साथ उसके काफी करीबी संबंध थे।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘कानूनी परामर्श लेने के बाद हम जेल की सजा बढाने के लिए निचली अदालत के फैसले को उच्चतर अदालत में चुनौती देने के लिए अमेरिकी अभियोजकों से कह सकते हैं। मुंबई आतंकी हमलों के आरोपों से राणा को मुक्त करने के आदेश को भी चुनौती देने के लिए कह सकते हैं।’’
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