इस्लामाबाद:
पाकिस्तान में पानी की कमी के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने वाली आम मान्यता के विपरीत इंडस रिवर सिस्टम आथोरिटी (इरसा) के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत को ज्यादा पानी मिलने की मीडिया की खबर सिर्फ एक कुप्रचार है।
समाचार एजेंसी एआरवाई की रविवार की रपट के मुताबिक, सीनेटर इकबाल जफर झागरा की अध्यक्षता वाली पानी और बिजली पर सीनेट की स्थाई समिति की बैठक में राव इरशाद अली ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच हुई सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के तहत आवंटित पानी से कम इस्तेमाल कर रहा है।
सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी। इस संधि पर 19 सितंबर, 1960 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू तथा पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में हस्ताक्षर किए थे।
राव इरशाद अली ने कहा कि मीडिया रपट में भारत द्वारा आईड्ब्ल्यूटी का पालन न करने की बात कहना बिल्कुल आधारहीन है और भारत अपने आवंटित जल की अपेक्षा कम जल प्राप्त कर रहा है।
समाचार एजेंसी एआरवाई की रविवार की रपट के मुताबिक, सीनेटर इकबाल जफर झागरा की अध्यक्षता वाली पानी और बिजली पर सीनेट की स्थाई समिति की बैठक में राव इरशाद अली ने कहा कि भारत दोनों देशों के बीच हुई सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के तहत आवंटित पानी से कम इस्तेमाल कर रहा है।
सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई थी। इस संधि पर 19 सितंबर, 1960 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू तथा पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में हस्ताक्षर किए थे।
राव इरशाद अली ने कहा कि मीडिया रपट में भारत द्वारा आईड्ब्ल्यूटी का पालन न करने की बात कहना बिल्कुल आधारहीन है और भारत अपने आवंटित जल की अपेक्षा कम जल प्राप्त कर रहा है।
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