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This Article is From May 23, 2016

पीएम मोदी ने ईरान के साथ 'पुरानी दोस्ती' का जिक्र किया, चाबहार समझौते पर हुए हस्ताक्षर

पीएम मोदी ने ईरान के साथ 'पुरानी दोस्ती' का जिक्र किया, चाबहार समझौते पर हुए हस्ताक्षर
पीएम नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी
तेहरान: भारत और ईरान ने आतंकवाद, चरमंथ और साइबर अपराध से मिलकर निपटने का निर्णय किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तेहरान यात्रा के दूसरे दिन दोनों रणनीतिक भागीदार देशों ने 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें भारत द्वारा चाबहार बंदरगाह के विकास का महत्वपूर्ण समझौता भी शामिल है। व्यापारिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए भारत 50 करोड़ डॉलर मुहैया कराएगा।

पीएम मोदी ने भारत-ईरान की 'दोस्ती' को ऐतिहासिक जितनी ही पुरानी बताते हुए कहा, 'सदियों से हम कला एवं स्थापत्य, विचार एवं परंपराओं और वाणिज्य एवं संस्कृति के जरिये जुड़े रहे हैं।' उन्होंने कहा कि 2001 में जब गुजरात में भूकंप आया था तो ईरान उन पहले देशों में शामिल था, जो मदद के लिए आगे आया। नरेंद्र मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

भारत के नजरिये से चाबहार बंदरगाह का महत्व
चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलुचिस्तान प्रांत में पड़ता है। यह रणनीतिक दृष्टि से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के पश्चिमी तट से फारस की खाड़ी के मुहाने पर स्थित इस बंदरगाह तक आसानी से पहुंचा जा सकता है और इसके लिए पाकिस्तान से रास्ता मांगने की जरूरत नहीं होगी।

भारत-ईरान 2003 में ही इसके लिए सहमत हो गए थे, लेकिन ईरान के खिलाफ पश्चिमी देशों की पाबंदियों के चलते इस पार बात आगे नहीं बढ़ सकी थी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और ईरान के बीच क्षेत्रीय एवं सामुद्रिक सुरक्षा के संबंध में दोनों देशों के रक्षा और सुरक्षा मामलों से जुड़े संस्थानों के बीच संपर्क बढ़ाने पर भी सहमति हुई है।

कई द्विपक्षीय समझौतों और सहयोग सहमतियों पर हुए हस्ताक्षर
पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ अकेले में वार्ता करने के बाद उनके साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'हम आतंकवाद, चरमपंथ, नशीली दवाओं के व्यापार और साइबर अपराध के खतरों से निपटने के लिए एक-दूसरे के साथ घनिष्ठता के साथ और नियमित रूप से परामर्श करने पर सहमत हुए हैं।'

चाबहार बंदरगाह के विकास के अलावा दोनों पक्षों ने व्यापार, ऋण, संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, और रेलमार्ग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के कई और समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए। मोदी ने चाबहार बंदरगाह और उससे संबंधित बुनियादी ढांचों के विकास तथा इसके लिए भारत की ओर से करीब 50 करोड़ डॉलर उपलब्ध कराने के समझौते को 'एक महत्वपूर्ण घटना बताया।' उन्होंने कहा, 'इस बड़ी पहल से इस क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। हम आज हुए समझौतों के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

'भारत-रणनीतिक भागीदारी में नया अध्याय'
भागीदारी के एजेंडे और दायरे को वास्तविक करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ' जिन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं,
उनसे हमारी रणनीतिक भागीदारी में एक नया अध्याय जुड़ा है। विस्तृत व्यापारिक संबंध, रेलवे समेत संपर्क सुविधाओं के क्षेत्र में गहरे संबंध तथा तेल एवं गैस, उर्वरक, शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र में भागीदरी से कुल मिलाकर हमारे आर्थिक संबंधों को बल मिला है।'

ईरान और अफगानिस्तान की भागीदारी के साथ त्रिपक्षीय परिवहन एवं पारगमन समझौते के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'इससे भारत, ईरान और अफगानिस्तान के लिए नया मार्ग खुलेगा। भारत और ईरान की इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और संपन्नता में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है।'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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