
- लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस की वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव को संबोधित किया.
- राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को 'देश का राजा कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो' नारा लगाने से रोका.
- उन्होंने कहा कि मैं राजा नहीं हूं. राजा बनना भी नहीं चाहता हूं. मैं राजा के कांसेप्ट के विरोध में हूं.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस की 'वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव' को संबोधित किया. इस दौरान राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. हालांकि राहुल गांधी को कांग्रेसियों की यह नारेबाजी रास नहीं आई और इन नारों ने उन्हें 'बेचैन' कर दिया. उन्होंने इन नारों को लगाने से पार्टी कार्यकर्ताओं को रोका और कहा कि मैं राजा नहीं हूं. इस दौरान राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर एक बार फिर आरोप लगाए और कहा कि चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रह गई है. हमारे पास चुनावों में बड़े स्तर पर गड़बड़ियों के पुख्ता सबूत हैं.
कांग्रेस की वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव में राहुल गांधी के भाषण के दौरान कार्यकर्ताओं ने 'देश का राजा कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो' के नारे लगाए. हालांकि राहुल गांधी ने उन्हें ऐसे नारे लगाने से मना किया. राहुल गांधी ने इसे लेकर कहा, नहीं...नहीं... मैं राजा नहीं हूं. राजा बनना भी नहीं चाहता हूं. मैं राजा के कांसेप्ट के विरोध में हूं.
VIDEO | Delhi: Responding to 'Desh Ka Raja Kaisa Ho, Rahul Gandhi (@RahulGandhi) Jaisa Ho' slogans raised during party's annual Legal Conclave, Congress MP Rahul Gandhi said, "Nahi.. Nahi...Main Raja Nahi Hoon. Raja Banna Bhi Nahi Chahta Hoon. Main Raja Ke Concept Ke Against… pic.twitter.com/y2h3jsJPYG
— Press Trust of India (@PTI_News) August 2, 2025
चुनाव आयोग पर फिर बरसे राहुल गांधी
इसके साथ ही राहुल गांधी ने 'वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव' को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग पर एक बार फिर आरोप लगाए और कहा कि चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रह गई है और हमारे पास यह साबित करने के लिए पक्के सबूत हैं कि चुनावों में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं.
उन्होंने अपने भाषण में दावा किया कि कांग्रेस पार्टी के पास अब "पूरे देश को दिखाने लायक सबूत" हैं, जो यह साबित करते हैं कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है और चुनाव आयोग की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध रही है."
उन्होंने बताया कि पार्टी ने 6 महीने तक एक जांच अभियान चलाया, जिसमें चुनाव आयोग से मिली बूथवार मतदाता सूचियों का विश्लेषण किया गया.
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