प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सीमा विवाद के हल होने तक सीमा पर अमन-शांति बरकरार रखने की भारतीय और चीनी नेतृत्व की प्रतिबद्धता दोनों देशों के बीच के रिश्तों में प्रगति, खासकर ढाई अरब लोगों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण गारंटी है।
मनमोहन ने मंगलवार से शुरू होने वाली चीन की तीन दिन की यात्रा से पहले चीन के सरकारी मीडिया के साथ एक लिखित साक्षात्कार में कहा, भारत और चीन के बीच सीमा प्रश्न जटिल और संवेदनशील है। हमने कोई राजनीतिक हल पाने के लिए विशेष प्रतिनिधि तंत्र तैनात किया है।
उन्होंने विशेष प्रतिनिधियों के अभी तक के काम पर सवाल के जवाब में कहा कि विशेष प्रतिनिधियों ने काम किया है और सीमा समाधान के राजनीतिक खाके और मार्गदर्शक उसूलों तक पहुंचे हैं। मनमोहन ने कहा, अपनी वार्ता के मौजूदा चरण में वे सीमा समाधान का एक खाका ढूंढ रहे हैं। मैं दोनों पक्षों के विशेष प्रतिनिधियों के काम की हिमायत करता हूं।
प्रधानमंत्री ने चीनी मीडिया के साथ अपने साक्षात्कार में कहा, इस बीच, भारत और चीन दोनों सरकारें सीमा क्षेत्रों में अमन-शांति बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सिंह ने सीमा पर शांति बरकरार रखने की जरूरत पर जोर डालते हुए कहा, यह हमारे द्विपक्षीय रिश्तों में अतिरिक्त प्रगति एवं विकास का एक महत्वपूर्ण गारंटीकर्ता और मूलभूत आधार है। दोनों देशों का नेतृत्व इस मुद्दे पर एकमत हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमने अपने विवादों का भी प्रबंधन किया और अपने सीमा क्षेत्र को शांतिपूर्ण रखा है। इसके साथ ही, हमने अपने मतभेदों को विविध क्षेत्रों में अपने सहयोग को विस्तार देने के रास्ते में आने नहीं दिया। मनमोहन ने कहा, हमारे रिश्तों में स्थिरता और निश्चिंतता अमूल्य साबित हुई, क्योंकि भारत और चीन दोनों अपनी आंतरिक प्राथमिकता, खास कर ढाई अरब लोगों के विकास एवं प्रगति को पूरा करते हैं।
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